जानें, क्यों हर 4 साल के बाद ही फरवरी में होते हैं 29 दिन?
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जानें, क्यों हर 4 साल के बाद ही क्यों फरवरी में होते हैं 29 दिन?
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जब हर चार साल में एक दिन एक्स्ट्रा जुड़ता है, तो उस साल को लीप ईयर कहते हैं. लीप ईयर में फरवरी में एक दिन बढ़ जाता है.
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इसलिए इस साल 2024 में 365 की जगह 366 दिन होंगे, क्योंकि फरवरी में 28 की जगह 29 दिन है.
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लेकिन कभी आपने सोचा है कि हर चार साल बाद ही लीप ईयर क्यों आता है? सिर्फ फरवरी माह में ही क्यों एक दिन और जुड़ता है?
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पृथ्वी को सूरज की परिक्रमा लगाने के लिए पूरे एक साल का समय लगता है, जिसमें सुबह से रात, ठंड से गर्मी तक का मौसम आता है.
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इस पूरी परिक्रमा में 365 दिन और 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड का समय लगता है. वहीं कैलेंडर ईयर में ये समय बढ़कर 365 दिन और 6 घंटे का हो जाता है.
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इसी अंतर को कम करने के लिए ही ऐसा किया जाता है, इसलिए हर 4 साल में लीप ईयर आता है.
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जूलियन कैलेंडर में फरवरी महीने को आखिरी महीना माना जाता है, 4 सालों तक प्रत्येक वर्ष 6 घंटे जुड़ते हैं, इसलिए फरवरी में ही एक दिन और जुड़ता है
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रोमन डिक्टेटर जूलियस सीजर ने 45 ईसा पूर्व में जूलियन कैलेंडर के लिए लीप डे की स्थापना की थी.
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पहले के समय में लीप ईयर को धूमधाम से मनाया जाता था. वहीं एंथोनी, टेक्सास और एंथोनी, न्यू मैक्सिको ने खुद को लीप ईयर की राजधानी घोषित किया है.