हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस डे का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। ये दिन ईसाई धर्म के originator यीशु मसीह (Jesus Christ) के जन्म की खुशी में सेलिब्रेट किया जाता है। हालांकि ये त्योहार धर्म से परे हर किसी के जीवन में खुशियां लाने का प्रतीक बन गया है। भारत में भी इस दिन को बड़े दिन के रूप में मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है क्रिसमस?
क्रिसमस को यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि करीब 2000 साल पहले यीशु का जन्म बेथलेहम नाम के स्थान पर हुआ था। उनका जीवन मानवता, प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है। ईसाई धर्म के अनुसार, यीशु मसीह को भगवान का पुत्र और मानवता को पाप से बचाने वाला माना जाता है।
क्रिसमस का महत्व
क्रिसमस डे सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि ये Unity, Peace और Joy का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताते हैं, गिफ्ट्स एक्सचेंज करते हैं और चर्च में प्रार्थना करते हैं।
कैसे मनाया जाता है क्रिसमस?
क्रिसमस से पहले चार हफ्तों तक एडवेंट सीजन चलता है, जिसमें लोग आत्मशुद्धि और प्रार्थना करते हैं। क्रिसमस ईव यानी 24 दिसंबर की रात चर्च में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित होती है। इस दौरान लोग यीशु मसीह के जन्म की खुशी में क्रिसमस कैरोल्स गाते हैं।
घर-घर में क्रिसमस ट्री सजाया जाता है, जिसमें रंग-बिरंगी लाइट्स और डेकोरेटिव आइटम्स लगाए जाते हैं। बच्चों के लिए इस दिन सांता क्लॉज का इंतजार खास होता है, जो उन्हें गिफ्ट्स देकर खुश करता है।
क्रिसमस का त्योहार हमें सिखाता है कि हमें हर दिन प्रेम, दया और मानवता के साथ जीना चाहिए। यही यीशु मसीह का संदेश था और यही क्रिसमस की असली भावना है।