Amit Shah Fake : अहमदाबाद पुलिस हुई सख्त, फेक वीडियो के मामले में इन दो आरोपी को किया गिरफ्तार
गृह मंत्री Amit Shah के एडिटेड वीडियो के मामले में अहमदाबाद की Cyber Crime Police ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. और वो आरोपी है कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के पीए सतीश वसानी और आप पार्टी के नेता आर बी बारिया है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है. Cyber Crime Police of Ahmedabad has arrested 2 accused in the case of edited video of Home Minister Amit Shah. And those accused are Congress MLA Jignesh Mevani's PA Satish Vasani and AAP party leader RB Baria, who have been arrested.
गृह मंत्री Amit Shah के एडिटेड वीडियो के मामले में अहमदाबाद की Cyber Crime Police ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. और वो आरोपी है कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के पीए सतीश वसानी और आप पार्टी के नेता आर बी बारिया है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है.
Amit Shah फेक वीडियो के मामले में Delhi Police ने तेलंगाना के CM Revant Reddy को पूछताछ के लिए नोटिस दिया है, इसके अलावा तेलंगाना कांग्रेस के 4 और लोगों को CRPC की धारा 160 और 91 के तहत नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है.
Shame on Congress Party. I strongly condemn Congress for spreading a fake & edited video. Home Minister @AmitShah ji's words have been twisted. Misleading the public is a disservice to democracy. This irresponsible behaviour has the potential to disrupt peace. pic.twitter.com/47seqGvNH2
— Kiren Rijiju (मोदी का परिवार) (@KirenRijiju) April 29, 2024
जारी किया गया समन
Delhi Police ने इस मामले में कुल 16 लोगों को समन जारी कर Uttar Pradesh, Jharkhand, Rajasthan, Madhya Pradesh, Haryana, Delhi के भी कुछ लोगों को नोटिस सर्व कर पूछताछ के लिए बुलाया है. नोटिस पाने वाले अधिकतर लोग कांग्रेस-सपा से जुड़े लोकल लीडर्स है. इन लोगों ने मंशा के साथ कैप्शन लिखकर वीडियो रिपोस्ट किया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने एक्स से भी जवाब मांगा है कि सबसे पहले ये नोटिस किसने पोस्ट किया था.
एक्स से मांगा जवाब
मामले में एक्स ने कार्रवाई करते हुए सभी पोस्ट हटा ली है, लेकिन अभी तक दिल्ली पुलिस को कोई जवाब नहीं दिया है. दिल्ली पुलिस एक्स से यह जानना चाहती है कि सबसे पहले ये पोस्ट किसने किया था. जानकारी के अनुसार CRPC की धारा 160 और 91 के तहत जारी किए गए नोटिस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और अगर जरूरत पड़ती है तो पुलिस कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी करवा सकती है.