'मौत की सजा को तैयार...', SC की फटकार पर रामदेव की सफाई
Baba Ramdev gave clarification after Supreme Court warning on wrong promotion of Patanjali. पतंजलि के गलत तरीके से प्रचार पर सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी के बाद बाबा रामदेव ने दी सफाई.
बाबा रामदेव की एफएमसीजी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद पर गलत करने के आरोप लगे हैं. यहां तक कि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी पतंजलि ग्रुप को फटकार लगाई थी. जिसपर अब बाबा रामदेव ने अपने सफाई पेश की है. बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने कहा कि, अगर वो गलत हैं को फांसी की सजा के लिए भी तैयार हैं.
उन्होंने आगे कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप गलत प्रचार करेंगे तो जुर्माना लगेगा. हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं. लेकिन वे लोग कोई गलत काम नहीं कर रहे हैं. कुछ डॉक्टरों ने एक ग्रुप बनाया है, जो लगातार योग, आयुर्वेद आदि के खिलाफ प्रचार करता है. अगर हम लोग झूठे हैं तो, हम पर 1000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाएं और वे मौत की सजा के लिए भी तैयार हैं, लेकिन यदि वे लोग गलत नहीं हैं तो उन लोगों को सजा दी जाए,तो गलत प्रचार कर रहे हैं. पिछले 5 सालों से रामदेव और पतंजलि को निशाना बनाकर प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है.'
सुप्रीम कोर्ट ने पंतजलि की लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कल पतंजलि आयुर्वेद से कहा कि वह चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित न करें. साथ ही कोर्ट ने कंपनी के हर उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी थी. जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा, 'पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा.'
इससे पहले 23 अगस्त, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ रामदेव द्वारा बदनामी का अभियान चलाने का आरोप पर टिप्पणी की थी. आईएमए की याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं आयुष मंत्रालय और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की ओर से नोटिस जारी किया गया था.
बाबा रामदेव की आलोचना पर सुप्रीम कोर्ट हुआ था नाराज
अदालत ने एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों की आलोचना करने के लिए रामदेव की कड़ी आलोचना की थी. तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं, ने आलोचना की थी. उन्होंने कहा था, 'इन गुरु स्वामी रामदेव बाबा को क्या हुआ? आखिरकार हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया. हम सभी इसके लिए जाते हैं. लेकिन, उन्हें अन्य प्रणाली की आलोचना नहीं करनी चाहिए. आप विज्ञापनों के प्रकार देखते हैं जो सभी डॉक्टरों पर आरोप लगाते हैं जैसे कि वे हत्यारे या कुछ और हैं. बड़े पैमाने पर विज्ञापन दिए गए हैं.'