उत्तरकाशी से जल्द आएगी खुशखबरी! जानें मजदूरों को निकालने का 'प्लान-B'

Know what is Plan B made to rescue the laborers trapped in the tunnel of Uttarkashi. जानें उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बनाया गया प्लान बी क्या है.

उत्तरकाशी से जल्द आएगी खुशखबरी! जानें मजदूरों को निकालने का 'प्लान-B'

उत्तरकाशी की टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकलने का इंतजार पूरा देश बेसब्री से कर रहा है. ऑगर मशीन से कई बार इन 41 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जा चुकी है. लेकिन, उसके ब्लेड्स हर बार धोखा दे जाते हैं. अब लोगों की उम्मीद प्लान-बी पर जा टिकी हैं. ऐसे में जानते हैं कि, मजदूरों को बाहर निकालने के लिए ये प्लान-बी आखिर है क्या?

क्या है प्लान-बी?

प्लान बी वर्टिकल ड्रिलिंग है. एक्सपर्ट पहले ही पहुंच चुके हैं. इस प्लान के तहत टनल में वर्टिकली 86 मीटर की खुदाई की जानी है. इसके तहत मजदूरों की जिंदगी बचाने के लिए सुरंग के ऊपर से खुदाई की जाएगी.

वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीनों को सुरंग के ऊपरी हिस्से पर ले जाया जाएगा, हालांकि इसको लेकर अब तक रेस्क्यू टीम में जुटी विभिन्न एजेंसियों ने कोई फैसला नहीं किया है. दूसरी ओर टनल के दूसरे सिरे से भी हॉरिजॉन्टल खुदाई की जा रही है. जिसके तहत खुदाई के लिए 3 ब्लास्ट किए जा चुके हैं.

क्या होती है वर्टिकल ड्रिलिंग?

वर्टिकल ड्रिलिंग वो प्रक्रिया है जिसमें हम पृथ्वी की सतह के नीचे अर्थ शाफ्ट बनाकर बोर (छेद)बनाया जाता है. यह वेंटिलेशन और संचार के लिए सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए होता है. अगर होल पर्याप्त चौड़ा होता है तो फंसे हुए लोगों को निकाला जा सकता है.

क्या था प्लान-ए, जो हुआ फेल?

हाल ही में आपने खूब खबरें पढ़ी और देखी होंगी, जिनमें ये दावे किए जा रहे थे कि टनल में फंसे मजदूर जल्द ही बाहर निकल सकते हैं. ये मजदूर प्लान-ए के तहत ही बाहर आने वाले थे. प्लान-ए में ड्रिलिंग मशीन से सुरंग में 80 सेंटीमीटर मोटाई वाले पाइप को हॉरिजॉन्टल (क्षैतिज) मजदूरें के पास भेजा जा रहा था. लेकिन, जैसे ही पाइप 45-46 मीटर अंदर गया तो ऑगन मशीन के ब्लेड्स टूट गए. यानी मजदूरों से महज 12 से 15 मीटर की दूरी पर काम ठप हो गया.