राहुल गांधी 'पप्पू' नहीं, वह तो जोरदार विजन रखने वाले रणनीतिकार हैं

लोकसभा चुनाव के दौरान अपने कई बयानों से विवाद खड़े करने वाले कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी की तारीफ की है। उन्होंने अमेरिका के टेक्सास में कहा कि राहुल गांधी 'पप्पू' नहीं हैं। उनकी ऐसी छवि बनाने के लिए भाजपा ने करोड़ों रुपये प्रोपेगेंडे में खर्च किए थे। ऐसे सारे प्रचार मिथ्या थे।, National News Hinudstan

राहुल गांधी 'पप्पू' नहीं, वह तो जोरदार विजन रखने वाले रणनीतिकार हैं

लोकसभा चुनाव के दौरान अपने कई बयानों से विवाद खड़े करने वाले कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी की तारीफ की है। उन्होंने अमेरिका के टेक्सास में कहा कि राहुल गांधी 'पप्पू' नहीं हैं। उनकी ऐसी छवि बनाने के लिए भाजपा ने करोड़ों रुपये प्रोपेगेंडे में खर्च किए थे। लेकिन उनकी छवि इससे अलग है। सैम पित्रोदा ने कहा, 'उनके पास विजन है। यह उससे उलट है, जैसी छवि भाजपा उनकी बनाती रही है। मैं आपको बताना चाहूंगा कि राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं। वह उच्च शिक्षित हैं और खूब पढ़ते-लिखते हैं। उनके पास किसी भी विषय के बारे में अच्छी जानकारी है और कई बार तो उन्हें समझना आसान भी नहीं होता।'

ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी के विचारों में समावेश, विविधा और गांधीवादी सिद्धांतों की प्रमुखता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हमेशा विविधता को बढ़ावा देते रहे हैं। पित्रोदा बोले कि राहुल गांधी हमेशा एक अलग एजेंडा रखते हैं। वह कई बार उन मुद्दों के समाधान की भी बात करते हैं, जो लंबे समय से अटके हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को हल्के में नहीं आंका जा सकता। पित्रोदा ने कहा कि कांग्रेस के विचार स्पष्ट हैं कि हम किसी को जाति, धर्म, नस्ल, लिंग, भाषा और राज्य के आधार पर बांटकर नहीं देख सकते। हमने सभी के लिए समान अवसर तैयार किए हैं। हमने श्रमिकों को भी सम्मान दिया है और राहुल गांधी हमेशा इसमें आगे रहे हैं।

सैम पित्रोदा ने टेक्सास में कहा, 'लोकतंत्र इतनी आसान चीज नहीं है। लोकतंत्र में बड़ी संख्या में लोगों को काम करने की जरूरत होती है। हम इसे हल्के में नहीं ले सकते क्योंकि कुछ लोग डेमोक्रेसी को हाइजैक करने की कोशिश करते हैं। हमने ऐसा कई देशों में देखा है। भारत की आजादी के समय गांधी, नेहरू, मौलाना आजाद, सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस जैसे नेताओं को स्पष्ट था कि हमें कैसा देश बनाना है। इसलिए सभी को समझने की जरूरत है कि आजादी का क्या अर्थ है और हमें कैसा देश बनाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अपने वादे के पक्के हैं। पिछली यात्रा में उन्होंने कहा था कि अगली बार अमेरिका आया तो डलास आऊंगा और वह आए भी हैं।