भजनलाल सरकार ने क्यों बंद की राजीव गांधी युवा मित्र योजना?
भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में शुरू हुई एक योजना को बंद कर दिया है लेकिन पूर्व सीएम अशोक गहलोत और डोटासरा ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है. CM Bhajan lal closed Rajiv Gandhi Yuva Mitra Internship Scheme:
भजनलाल सरकार ने सोमवार को गहलोत राज की योजना को बंद कर दिया जिसका नाम राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना था. सांख्यिकी विभाग ने सोमवार को आदेश जारी कर योजना को 31 दिसंबर को बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं.
जानकारी के अनुसार इस योजना का क्रियान्वयन नहीं होने से अब प्रदेश के 50 हजार युवा बेरोजगार हो जाएंगे. इस योजना की शुरुआत सरकार ने 2021-22 में की थी जिसके तहत सरकार के अलग-अलग विभागों में युवाओं को 6 महीने से 2 साल तक की इंटर्नशिप करवाई जाती थी. इस दौरान युवा मित्रों को हर माह 10 हजार रुपये दिए जाते थे.
फिजूलखर्ची रोकना चाहती है सरकार
इस योजना को बंद इसलिए किया गया क्योंकि सरकार फिजूलखर्ची वाली योजनाओं को बंद करना चाहती है. सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि भजनलाल सरकार गहलोत राज की फ्लैगशिप योजनाओं को छोड़कर वे सभी योजनाएं बंद करेंगी जो फिजूलखर्ची को बढ़ावा देती है.
राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5,000 युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है। ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं एवं सरकार की काफी मदद कर रहे हैं। नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) December 25, 2023
इसके अलावा राज्य पर कर्ज भी लगातार बढ़ता जा रहा था. RBI की रिपोर्ट अनुसार 2022-23 में राजस्थान का कुल कर्ज 5 लाख 37 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है जो कि एक साल पहले तक 4 लाख 58 हजार करोड़ रुपये था.
सुबह घोषणा कुछ, शाम को कुछ
इससे पहले सोमवार सुबह सुशासन दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा था कि गहलोत राज की कोई भी योजना बंद नहीं होंगी बल्कि उन्हें और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा.
राजस्थान की भाजपा सरकार ने नए साल से पहले हज़ारों राजीव गांधी युवा मित्रों का इंटर्नशिप कार्यक्रम समाप्त कर उन्हें #बेरोजगारी का गिफ्ट दिया है।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) December 25, 2023
अगर भाजपा की राजनीतिक दुर्भावना सिर्फ नाम से थी, तो वो नाम बदल देते लेकिन युवाओं को बेरोजगार क्यों किया?
जबकि पिछली भाजपा सरकार में… pic.twitter.com/y8QeOO4x9J
राजीव गांधी युवा मित्र योजना बंद होते ही पूर्व सीएम गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए काम कर रहे युवाओं की इस योजना को बंद करना उचित नहीं है. सरकार को अगर इस योजना से परेशानी थी तो इसका नाम अटल बिहारी के नाम पर कर सकती थी। लेकिन योजना बंद नहीं करनी थी.
योजना के बंद करने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सरकार पर निशाना साधा और एक पोस्ट शेयर कर कहा कि भाजपा सरकार ने नए साल से पहले इस योजना पर कैंची चलाकर हजारों युवाओं को बेरोजगारी गिफ्ट दिया है.