बुर्क़े या नक़ाब की आड़ में फ़र्ज़ी वोटिंग, अब 'Polling Agent' की ये खास टीम हुई तैनात
मुस्लिम बहुल इलाक़ों में महिला कार्यकर्ताओं को 'पोलिंग एजेंट' बनाएगी जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर है. इसके लिए उन्हें पोलिंग एजेंट बनने के लिए ट्रेनिंग भी दी गई है. Women workers will be made 'polling agents' in Muslim dominated areas where there are a large number of Muslim voters. For this, he has also been given training to become a polling agent.
लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. 19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल सात चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे.
पोलिंग एजेंट की अहम होगी भूमिका
बुर्क़े या नक़ाब की आड़ में फ़र्ज़ी वोटिंग का मामला हमेशा से ही सामने आता रहता है. इस बार BJP इसे रोकने के लिए उन मुस्लिम बहुल इलाक़ों में महिला कार्यकर्ताओं को 'पोलिंग एजेंट' बनाएगी जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर है. इसके लिए उन्हें पोलिंग एजेंट बनने के लिए ट्रेनिंग भी दी गई है. लखनऊ में मुस्लिम बहुल इलाक़े में फ़रहा रिज़वी के कार्यालय में मुस्लिम महिलाएं मीटिंग कर रही हैं. हिज़ाब पहने महिलाएं ये समझ रही हैं कि किस तरह वो पोलिंग एजेंट के तौर पर फ़र्ज़ी वोटिंग( bogus voting) रोकने में अपनी भूमिका निभा सकती हैं.
पिछले चुनावों में भी हुई फ़र्ज़ी वोटिंग
यूपी BJP अल्पसंख्यक मोर्चा ने ऐसे 20 हज़ार बूथ चिह्नित किए हैं, जिसमें क़रीब 33% पोलिंग एजेंट मुस्लिम महिला कार्यकर्ताओं को बनाया जाएगा जिनकी ज़िम्मेदारी नक़ाब या बुर्क़े में आई किसी भी संदिग्ध महिला वोटर का आई कार्ड चेक करने की होगी. दरअसल पिछले चुनावों में न सिर्फ़ बुर्क़े में फ़र्ज़ी वोट को लेकर न सिर्फ़ निर्वाचन आयोग से शिकायतें हुई हैं बल्कि इस मामले की जांच कपते हुए फ़र्ज़ी वोटर्स को भी पकड़ा गया हैं. पोलिंग एजेंट बनने वाली महिलाओँ का कहना हैं कि इस बार ऐसे वोटरों की पहचान कर फ़र्ज़ी वोटर्स को पकड़ने का एक छोटा-सा प्रयास है.
मुस्लिम महिलाओं के मतदान का बढ़ेगा प्रतिशत
ख़ास बात ये है कि पोलिंग एजेंट बनने वाली कई महिलाएं खुद हिज़ाब या बुर्क़ा पहनती हैं, इसलिए वो महिलाएं इस काम को करने से पीछे नहीं हठी. ऐसा करने से किसी भी महिला को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और वोटिंग सही तरीके से होगी. ऐसे में इस पहल से मुस्लिम महिलाओं के मतदान का प्रतिशत भी बढ़ेगा.महिलाएं प्रधानमंत्री के तीन तलाक़ को ख़त्म करने और योजनाओं का लाभ मिलने से प्रभावित हैं और उनका कहना है कि इस पहल के साथ वो इसी वजह से जुड़ी हैं. साथ ही ये भी कहती हैं कि मुस्लिम महिलाएं चाहे जिसे वोट करें तो अपना सही वोट ज़रूर डालें.