नई मुसीबत में फंसा चीन! लोगों में खत्म हुआ देशभक्ति का भाव

Chinese government is now going to bring patriotism law for the people. चीन की सरकार अब लोगों के लिए देशभक्ति का कानून लाने जा रही है.

नई मुसीबत में फंसा चीन! लोगों में खत्म हुआ देशभक्ति का भाव

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बौखलाहट अब दुनिया के सामने आ रही है. देश एक के बाद एक चुनौतियों से घिरता जा रहा है. कभी देश में रोजगार की घटती संख्या को लेकर युवा प्रदर्शन कर रहे हैं. तो कभी, अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से देश के व्यापारी विदेशों में ओर अपना रुख कर रहे हैं. रोजगार के कम होते अवसरों को देखकर बड़ी संख्या में चीनी नागरिक नौकरी के लिए दूसरे देश जा रहे हैं. ताइवान के साथ चीन की दुश्मनी जगजाहिर है. ताइवान में आगामी चुनाव ने भी जिनपिंग की सिरदर्द बढ़ा दिया है. वहीं, चीन में अब देशभक्तों की कमी हो गई है. चीन के पास देश के लिए लड़-मरने वाले लोग नहीं बचे हैं. 

दरअसल, चीनी सरकार को लगता है कि, चीन के लोग अब देशभक्ति को तरजीह नहीं दे रहे हैं. सरकार मानती है कि, लोग देश को लेकर देशभक्ति का भाव नहीं रखते हैं. इसलिए, जिनपिंग की सरकार ने देशभक्ति शिक्षा कानून को अमल में लाया है. ये कानून अगले हफ्ते से चीन में लागू किया जाएगा. अब शी जिनपिंग अपने लोगों को जबरन देशभक्ती सिखाएंगे.

इस कानून के तहत स्कूलों में बच्चों को देशभक्ति की सीख दी जाएगी. चीन में देशभक्ति का जबरन पाठ पढ़ाने का ये पहला मौका नहीं है. इससे पहले भी अपने अल्पसंख्यक समूह उइगर मुसलमानों पर भी चीन कई तरह की ज्यादती करता रहा है. अल्पसंख्यकों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है और उनसे जबरन देशभक्ति के लेख लिखवाए जाने की खबरें सामने आई थीं. 

देशभक्ति शिक्षा कानून का मकसद राष्ट्रीय एकता को बढ़ाना है. इस कानून के मुताबिक, सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति छोटे बच्चों से लेकर सभी क्षेत्रों के श्रमिकों और पेशेवरों तक अपनी आस्था दिखानी होगी. बच्चों के स्कूलों में भी देशभक्ति कानून को सिलेबस में जोड़ा जाएगा. इन मूल्यों और संकल्पों के लिए नागरिकों को ईमानदार बनाने और राष्ट्र को प्राथमिकता देना भी कानून का उद्देश्य है. 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सरकारी अधिकारी ने कहा, इस कानून का मकसद चीन के "विचारों को एकजुट करने" और "एक मजबूत देश के निर्माण और राष्ट्रीय कायाकल्प के लिए लोगों की ताकत इकट्ठा करने" में मदद करना है. लेकिन, चालबाज चीन के बेवकूफ शासक ये तक नहीं जानते कि...देशभक्ति सिखाने की चीज नहीं होती.