गांव का अहसास दिलाती है, बॉलीवुड की ये खास फिल्मे
हमारे देश की पहचान गांव और यहां रह रह लोगों से होती है. गांव हमारी संस्कृति की धरोहर है, जिसे हमेशा सहज कर रखना चाहिए. गांव की जीवनशैली शहर से एकदम अलग होती है.
1947 में मिली स्वतंत्रता के बाद भारत को एक राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करती है फिल्म 'मदर इंडिया' जो 1957 में रिलीज हुई थी.
कितने आदमी थे' इस डाइअलॉग को कोई कैसे भूल सकता है, फिल्म 'शोले में गांव की छोटी गलियों को दिखाया गया है.
साल 2006 में आई हसी से गुदगुदाने वाली फिल्म 'मालामाल वीकली' में भी गांव की छोटी गलियों में साइकिल से आते-जाते लोगों लो दिखाया गया है.
'पहेली', 'गुरु', 'दो बीघा जमीन', 'मेरा गांव मेरा देश', 'पान सिंह तोमर' जैसी फिल्मों में गांव की माटी में फिल्माया गया है.