ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, HC ने खारिज की सभी याचिकाएं

इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने HC के फैसले को ऐतिहासिक बताया है और कहा कि हाई कोर्ट ने अपने फैसले में दोनों पक्षों को साफ-साफ कह दिया है कि 6 महीने के अंदर इस मामले का हल निकाला जाए और फिर उन्होंने मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को रद्द कर दिया.

ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, HC ने खारिज की सभी याचिकाएं

ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया है.मुस्लिम पक्ष की ओर से हाई कोर्ट में 5 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद HC ने मंगलवार को अपना आदेश सुनाया है.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (AIMC) और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वाराणसी कोर्ट के 8 अप्रैल 2021 के आदेश को चुनौती थी. इस आदेश में वाराणसी अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को लेकर अपना फैसला सुनाया था. इसे लेकर मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में सिविल सूट करते हुए 5 याचिकाएं दाखिल की थीं।  हाईकोर्ट के जज रोहित रंजन अग्रवाल ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 8 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख आज अपना फैसला सुनाया है.  

इसे लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने HC के फैसले को ऐतिहासिक बताया है और कहा कि हाई कोर्ट ने अपने फैसले में दोनों पक्षों को साफ-साफ कह दिया है कि 6 महीने के अंदर इस मामले का हल निकाला जाए और फिर उन्होंने मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं को रद्द कर कहा कि अगर कोई पक्ष हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देना चाहता है तो उसके लिए आगे के दरवाजे खुले हैं. 

आपको बता दें कि एएसआई ने वाराणसी की जिला अदालत को पहले ही ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की रिपोर्ट सौंप दी है. जिला कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी। सिविल कोर्ट ने 21 जुलाई को सर्वेक्षण का देश दिया था, जिसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया था. इसके तहत मस्जिद के गुंबदों, तहखानों, खंभों, दीवार, इमारत की उम्र और प्रकृति की जांच की गई और फिर एएसआई के चार अधिकारियों की मौजूदगी में वाराणसी कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी गई है.