महंत बालकनाथ ने छोड़ी सांसदी, CM की रेस में आगे
Mahant Balaknath, who is running for Rajasthan CM, has resigned from MP. राजस्थान सीएम की रेस में चल रहे महंत बालकनाथ ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है.
भाजपा के फायर ब्रांड नेता और तिजारा से बंपर जीत दर्ज कराने वाले विधायक बालकनाथ ने सांसदी छोड़ दी है. 6 दिसंबर को जीते हुए 12 में से 10 ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा छोड़ी थी.
बालकनाथ ने छोड़ी सांसदी
सीएम रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं बाबा बालकनाथ. हिंदुत्व का ऐसा चेहरा जिन्हें सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल है. सोशल मीडिया पर उनके सीएम बनने की दावेदारी वाला एक खत चिट्ठी वायरल हुई, जिसे बाद में राजस्थान भाजपा ने फेक बताया. भाजपा लेटरहेड पर बालकनाथ को सीएम और दीया कुमारी संग किरोड़ी लाल मीणा को डिप्टी सीएम पद सौंपे जाने का जिक्र था.
वसुंधरा, दीया कुमारी, ओम माथुर, राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ समेत ये भी इस दौड़ में शामिल हैं. 6 दिसंबर को 10 सांसदों ने सदस्यता छोड़ी थी. इस्तीफा देने वाले 10 सांसदों में से 5 मध्य प्रदेश, 3 राजस्थान और 2 छत्तीसगढ़ से हैं. बीजेपी ने 21 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा था, जिनमें से 12 ने जीत हासिल की.
इस्तीफा सौंपने वाले कौन-कौन?
एमपी से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, राकेश सिंह, उदय प्रताप और रीति पाठक, छत्तीसगढ़ से अरुण साव और गोमती साई और राजस्थान से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा का नाम शामिल था. इन राज्यों में बीजेपी ने इस बार नया प्रयोग किया था. चार राज्यों में बीजेपी ने लोकसभा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को भी टिकट बांटे थे.
नियम क्या है?
संविधान के अनुच्छेद 101(2) के मुताबिक, अगर कोई लोकसभा का सदस्य विधानसभा का चुनाव लड़ता है और जीत जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन में किसी एक सदन से इस्तीफा देना होता है. इसी तरह अगर किसी विधानसभा का सदस्य लोकसभा का सदस्य बन जाता है तो उसे भी 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना सौंपना होता है. ऐसा नहीं करने पर उसकी लोकसभा की सदस्यता अपने आप खत्म हो जाती है.
इसी तरह अगर कोई लोकसभा का सदस्य राज्यसभा का सदस्य भी बन जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 10 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना होता है. संविधान के अनुच्छेद 101(1) और रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 68(1) में इसका प्रावधान है. दूसरी ओर, अगर कोई प्रत्याशी दो लोकसभा सीट से चुनाव लड़ता है और दोनों ही जगह से जीत जाता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 14 दिन के भीतर किसी एक सीट से इस्तीफा देना होता है और ऐसा ही विधानसभा सीट के लिए लागू होता है.