हैदराबाद ही क्यों बन रहा फ्लोर टेस्ट के सियासत का केंद्र?

झामुमो विधायकों के बाद अब बिहार के कांग्रेस विधायकों को फ्लोर टेस्ट से पहले खरीद फरोख्त से बचाने के लिए ही उन्हें हैदराबाद भेजा गया है. After JMM MLAs, now Congress MLAs of Bihar have been sent to Hyderabad only to save them from horse-trading before the floor test.

हैदराबाद ही क्यों बन रहा फ्लोर टेस्ट के सियासत का केंद्र?

देश की सियासत में इस समय तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद चर्चा का विषय बना हुआ है. चंपई सोरेन के झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले झामुमो के सभी विधायकों को खरीद फरोख्त से बचाने के लिए हैदराबाद भेजा गया था. लेकिन अब सभी विधायक रांची वापस आ गए है तो बिहार के कांग्रेस विधायक हैदराबाद पहुंच गए. बिहार में नई सरकार के लिए 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होगा और उसी के लिए कांग्रेस विधायकों को भी खरीद फरोख्त से बचाने के लिए ही उन्हें हैदराबाद भेजा जा रहा है. 

बिहार के कांग्रेस विधायक भी पहुंचे हैदराबाद 

बता दें कि बिहार में कांग्रेस अब नई सरकार में सहयोगी नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश अपने विधायकों को एकजुट बनाए रखने की है  इसलिए सभी को हैदराबाद भेजा गया है. हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलने के लिए ही हैदराबाद आए हैं. बता दें कि कांग्रेस के तीन विधायक मनोहर प्रसाद, सिद्धार्थ सौरव और आबिदुर रहमान हैदराबाद नहीं गए हैं.

हो रही कांग्रेस विधायकों की इतनी खातिरदारी 

कांग्रेस विधायकों की इतनी खातिरदारी करने पर तेलंगाना के बीजेपी नेता रचना रेड्डी ने सवाल उठाया कि कांग्रेस विधायकों की सुरक्षा के लिए राज्य के संसाधन और पैसा खर्च किया जा रहा है तो कांग्रेस नेताओं ने कहा कि रिसॉर्ट में विधायकों के ठहरने का खर्च पार्टी खुद उठा रही है। लियोनिया रिसॉर्ट में झामुमो गठबंधन के विधायकों के ठहरने का खर्च भी कांग्रेस ने उठाया था. 

हालांकि, इन सभी घटनाक्रम के बीच बीजेपी का कहना है कि फ्लोर टेस्ट जीतने के लिए हमें संख्या बल की जरूरत नहीं पड़ेगी लेकिन अगर कांग्रेस के कुछ विधायक पाला बदलते हैं तो इससे विपक्ष का मनोबल गिरेगा. बता दें कि चंपई सोरेन सरकार के फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए सभी झामुमो विधायक रांची पहुंच गए हैं, वे सर्किट हाउस में रुके हुए हैं। फ्लोर टेस्ट में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल होंगे.