नई दिल्ली पहुंचे Dhirendra Shastri ने ज्ञानवापी मामले पर क्या कहा?

बागेश्वर धाम के मुखिया धीरेंद्र शास्त्री अपनी किताब की लॉन्चिंग के मौके पर नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर एक बड़ा दावा किया है. Bageshwar Dham head Dhirendra Shastri reached New Delhi on the occasion of the launch of his book, where he made a big claim regarding the Gyanvapi case of Varanasi.

नई दिल्ली पहुंचे Dhirendra Shastri ने ज्ञानवापी मामले पर क्या कहा?

बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने शनिवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मामले को लेकर एक बड़ा दावा किया है.  उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी में नंदी जी प्रकट हो चुके हैं, जिसके बाद यह तय है कि जल्द ही भगवान शंकर भी प्रकट होंगे. उन्होंने कहा कि अगर आप अदालत के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं तो इसका मतलब है कि आप खुद पर भी भरोसा नहीं करते हैं. 

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि न्याय प्रणाली स्वतंत्र रूप से काम करती है, ज्ञानवापी पर कोई फैसला आया नहीं है. अदालत ने केवल तहखाना खोलने की अनुमति दी है जहां व्यास परिवार पूजा किया करता था. 1992 में इस तहखाने को बंद कर दिया गया था, जिसके बद्द साल 2024 में तहखाना खोलने की अनुमति दी गई, लेकिन अब जल्द ही शंकर जी निश्चित तौर पर प्रकट होंगे. 

इस फैसले के खिलाफ है मुस्लिम पक्ष 

वाराणसी की जिला अदालत ने बीती 31 जनवरी को हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी. वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा कर अपनी याचिका दायर की थी. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसमें राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायाधीश की ओर से दखल दिए जाने की मांग उठाई थी. 

क्या कहता है हिंदू पक्ष?

हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब के शासन के दौरान एक प्राचीन मंदिर के ऊपर करवाया गया था. इसे लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की ओर से किए गए ज्ञानवापी मस्जिद के एक सर्वे में भी इसका संकेत मिलत हैं. बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद का एक हिस्सा प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर से सटा हुआ है तथा व्यास जी का तहखाना पिछले 32 साल से बंद था

क्या कहता है मुस्लिम पक्ष?

व्यास जी के तहखाने में पूजा को लेकर जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा है कि अजीब घटनाएं हो रही हैं और इससे भरोसा टूट रहा है. अदालत भी यही देख रही है कि किस ओर लोग ज्यादा हैं और वो लोग क्या सोच रहे हैं.  उन्होंने कहा था कि यह हमारे देश और लोकतंत्र की कमजोरी को प्रदर्शित करता है, मुस्लिम पक्ष ने यहां पूजा करने पर रोक लगाने की मांग उठाई है।