मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने किया ऐसा काम, भारत से बोली ये बात
मालदीव के खुद के ही लोग अब भारत से माफ़ी मांग रहे है, भारत के लोग हमे माफ़ करे, ये कहना है मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद का. मालदीव का भारत के लोगो ने ऐसे बहिश्स्कार किया कि अब मालदीव की अक्ल ठिकाने आ गयी है. Maldives' own people are now asking for forgiveness from India, the people of India should forgive us, this is what former President of Maldives Mohammed Nasheed says. The people of India boycotted Maldives to such an extent that now Maldives has lost its senses.
भारत के खिलाफ अनर्गल बयानबाज़ी करोगे तो चैन से आखिर कैसे जीयोगे? इसका जीता जागता प्रमाण है मालदीव। मालदीव और भारत के बिगड़ते रिश्तो के चलते, अब मालदीव की हालत दिन ब दिन ख़राब होती जा रही है. जब से मालदीव की कमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ु ने संभाली है तब से ही, मालदीव के साथ भारत के कूटनीतिक और राजनीतिक रिश्ते ख़राब हो चुके है और इन ख़राब होते रिश्तो के चलते अब मालदीव के दिन बिगड़ गए है मालदीव के खुद के ही लोग अब भारत से माफ़ी मांग रहे है, भारत के लोग हमे माफ़ करे, ये कहना है मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद का. मालदीव का भारत के लोगो ने ऐसे बहिश्स्कार किया कि अब मालदीव की अक्ल ठिकाने आ गयी है.
अब मालदीव के नेता, भारत से माफ़ी मांग रहे है. दरअसल, हाल ही में खबर आयी थी की मालदीव की टॉप 10 टूरिज्म लिस्ट में भारत का नाम छटे पायदान पर पहुंच चूका है. इसका मतलब की भारत से मालदीव जाने वाले लोगो की संख्या घट गयी है, क्योंकि भारत लगातार हाल ही के दिनों में मालदीव का बहिष्कार कर रहा था, जिसके बाद मालदीव को बड़ा झटका लगा और अब मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मालदीव पर भारत के बहिष्कार के आह्वान के प्रभाव पर चिंताएं व्यक्त की हैं.
क्या कहते है पूर्व राष्ट्रपति?
नशीद ने मालदीव पर बहिष्कार के प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा, इससे मालदीव पर बहुत गलत प्रभाव पड़ा है और मैं वास्तव में यहां भारत में हूं. मैं इस बारे में बहुत चिंतित हूं। मैं कहना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को इस पर खेद है,' हमें खेद है कि ऐसा हुआ। हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं और हमारे आतिथ्य में कोई बदलाव नहीं होगा.
उन्होंने भारत के साथ अपने रिश्तो को बेहतर करने पर भी ज़ोर दिया और कहा, मुझे लगता है कि इन मामलों को सुलझाया जाना चाहिए और हमें कई बदलाव करने चाहिए और अपने सामान्य रिश्ते पर वापस जाना चाहिए.
पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने इस मुद्दे पर भी ज़ोर दिया, कि जब मालदीव ये चाहता था की भारत के सैन्यकर्मी मालदीव से वापस भारत चले जाए, इस निर्णय का भी भारत ने कोई विरोध नहीं किया। न ही किसी ताकत का प्रदर्शन कर मालदीव का विरोध किया. उन्होंने मालदीव के इस प्रस्ताव को भी स्वीकारा. अब मालदीव हाल ही में भारत के खिलाफ क्या कुछ नहीं बोल गया, मुइज़्ज़ु ने चीन के प्रभाव में आकर भारत के खिलाफ इतना ज़हर उगला की अब उसी के देश की शामत आई हुई है..