अकबरुद्दीन ओवैसी प्रोटेम स्पीकर बने, टी राजा ने 'लताड़' दिया
T Raja targets Congress while protesting against Akbaruddin Owaisi as pro-tem speaker. अकबरुद्दीन ओवैसी प्रोटेम स्पीकर पर विरोध जताते हुए टी राजा ने कांग्रेस पर साधा निशाना.
तेलंगाना में विधानसभा (Telangana Assembly Elections) चुनाव हो चुके हैं. कांग्रेस के रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री बने. AIMIM के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी को विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. अकबरुद्दीन ओवैसी चंद्रायनगुट्टा से विधायक चुने गए हैं. पर उनका प्रोटेम स्पीकर बनना भाजपा विधायक टी राजा सिंह को पसंद नहीं आया. उन्होंने अकबरुद्दीन ओवैसी को प्रोटेम स्पीकर बनाने का विरोध किया है. टी राजा सिंह ने कहा कि ये कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति है.
क्या होता है प्रोटेम स्पीकर?
प्रोटेम लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर का संक्षिप्त रूप है. इसका मतलब होता है- 'कुछ समय के लिए'. यह अस्थायी होता है. प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गवर्नर करता है. आमतौर पर इसकी नियुक्ति तब तक के लिए होती है. प्रोटेम स्पीकर आम तौर पर सदन के सबसे वरिष्ठ विधायक को नियुक्त किया जाता है. उनका काम नए विधायकों को शपथ दिलाना और विधानसभा स्पीकर का चुनाव करवाना होता है. चंद्रयानगुट्टा विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले अकबरुद्दीन ओवैसी शनिवार को तेलंगाना के नए विधायकों को शपथ दिलाएंगे.
टी राजा सिंह ने क्या कहा?
अकबरुद्दीन ओवैसी के प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर राजा सिंह ने एक वीडियो जारी कर अपना विरोध जताया है. उन्होंने कहा, 'तेलंगाना विधानसभा में अकबरुद्दीन ओवैसी प्रोटेम स्पीकर बनकर बैठेगा. कांग्रेस ने कहा है कि कल विधानसभा में सभी विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के सामने शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित होंगे. ये राजा सिंह जबतक जिंदा है, तबतक AIMIM के सामने शपथ नहीं लेगा.'
टी राजा आगे कहते हैं, '2018 में भी मैंने ही एक MIM के विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनवाया था. उस समय भी मैंने शपथ नहीं ली थी. मैं रेवंत रेड्डी से पूछना चाहता हूं कि जैसे बीआरएस ने अपनी कार की स्टीयरिंग MIM के हाथ में थमा दी थी वही काम आप भी कर रहे हो.'
टी राजा सिंह कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहते हैं कि, 'विधानसभा में अन्य वरिष्ठ भी हैं. उन्हें मौका मिलना चाहिए था, लेकिन जानबूझकर अल्पसंख्यकों को प्रभावित करने और एआईएमआईएम नेताओं को प्रभावित करने के लिए ये कदम उठाया गया है. बीजेपी का कोई भी विधायक अकबरुद्दीन औवेसी के सामने शपथ नहीं लेगा.'