रेल ट्रैक पर बैठे किसान, पुलिस बल भी हुई तैनात, कुछ ऐसा था रेल रोको आंदोलन का नज़ारा

पंजाब के चंडीगढ़, देवीदासपुरा में किसान रेल ट्रैक पर बैठ कर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी शुरु कर दी है. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पंजाब में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. In Chandigarh, Devidaspura, Punjab, farmers have started sitting on the railway track and raising slogans regarding their demands. Heavy police force has been deployed in Punjab to maintain law and order.

रेल ट्रैक पर बैठे किसान, पुलिस बल भी हुई तैनात, कुछ ऐसा था रेल रोको आंदोलन का नज़ारा

MSP गारंटी कानून समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने आज 10 मार्च को ट्रेनों के चक्का जाम की घोषणा के तहत अमृतसर-दिल्ली रेलवे लाइन पर मोर्चा लेकर बैठ गए हैं. किसान चंडीगढ़, अमृतसर के देवीदासपुरा समेत पंजाब के कई जिलों के रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं. किसानों के रेल रोको आंदोलन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किए गए है.

रेलवे ट्रैक पर बैठे किसान 

देवीदासपुरा में अमृतसर-दिल्ली रेलवे लाइन पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम देवीदासपुरा में अमृतसर-दिल्ली रेलवे लाइन समेत पंजाब के सभी 22 जिलों में प्रमुख रेल लाइन को 4 घंटे के लिए जाम कर रहे हैं. दोपहर 12 बजे किसान चंडीगढ़ और देवीदासपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठ गए थे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम अपना विरोध जारी रखेंगे. उन्होंने चुनावी आचार संहिता को लेकर कहा कि जब हमने यह विरोध शुरू किया था तो हमें पता था कि हम 40 दिनों में यह विरोध नहीं जीत पाएंगे, हम अपनी ताकत बढ़ाना जारी रखेंगे.     

क्या कहते पंजाब के डीएसपी?  

पंजाब के देवीदासपुरा में डीएसपी ग्रामीण इंद्रजीत सिंह ने कहा कि किसान संगठनों ने आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक 'रेल रोको' का ऐलान किया है. कानून-व्यवस्था प्रभावित न हो, इसके लिए यहां करीब 150 जवान ड्यूटी पर हैं. 

इन जिलों में प्रदर्शनकारी किसान 

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर और गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे. भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहां), भारती किसान यूनियन (दकौंदा-धनेर) और क्रांतिकारी किसान यूनियन भी 'रेल रोको' आंदोलन में हिस्सा लिए है.