'CAA वापस नहीं होगा', अमित शाह ने ऐसे मारा विपक्ष को तमाचा
अमित शाह ने अपने बयान में ये मंशा साफा कर दी है कि CAA को हटाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. CAA एक संवैधानिक क़ानून है. Amit Shah has made his intention clear in his statement that it is not only difficult but impossible to remove CAA. CAA is a constitutional law.
CAA लागू होने के बाद देश के कई हिस्सों से विवाद की खबरे लगातार आ रही है. CAA के विरोध में तमाम नेताओ ने अपनी कमर कस ली है, लेकिन अब इनकी कमर तोड़ने के लिए ग्रह मंत्री अमित शाह की ओर से जो बयान सामने आया है, उससे अब सियासत में उथल पुथल हो सकती है. विपक्ष इस कानून को विभाजनकारी कानून बता रहा है.
इंडिया गठबंधन का कहना है की अगर वे सत्ता में आएंगे तो CAA को रद्द कर देंगे, लेकिन अब ग्रह मंत्री अमित शाह ने अपने बयान में ये मंशा साफा कर दी है कि CAA को हटाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. CAA एक संवैधानिक क़ानून है.
#WATCH | On opposition leaders saying they will repeal CAA if INDIA alliance comes to power in 2024, Union Home Minister Amit Shah says, "They also know that INDI alliance will not come to power. CAA has been brought by BJP govt led by PM Modi. It is impossible to repeal CAA…It… pic.twitter.com/o275o5a3hN
— ANI (@ANI) March 14, 2024
इन राज्यों में नहीं होगा कानून लागू
पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु ने साफ कर दिया है कि वे इस कानून को अपने राज्यों में लागू नहीं होने देंगे. वहीं अमित शाह ने दिए गए अपने इंटरव्यू में विपक्षी नेताओ पर तुष्टिकरण की राजनीती करने का आरोप लगाया है. CAA मोदी सरकार द्वारा लगा गया है, जिसे रद्द करना संभव नहीं है.
क्या कहते है अमित शाह?
अमित शाह ने अपने बयान में कहा है कि 'CAA का कानून कभी वापस नहीं लिया जाएगा। भारत की नागरिकता सुनिश्चित करना ये भारत का विषय है, भारत की संप्रभुता का विषय है इसके साथ हम कोई कॉम्प्रॉमाइज नहीं कर सकते. विपक्ष इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है, क्योंकि उसे वोट बैंक को मजबूत करना है. विपक्ष के पास कोई काम नहीं है, उन्होंने अभी तक जो भी कहा है, उसे पूरा नहीं किया है. हमारी सरकार जो कहती है, उसे पूरा करके दिखाती है.
अमित शाह ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहते है कि वे इस बात को जानते हैं कि इंडिया गठबंधन सत्ता में नहीं आएगा. सीएए को पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार लेकर आई है. सीएए को रद्द करना असंभव है. ये पूरी तरह से संवैधानिक रूप से वैध कानून है.'