भारत ने कनाडा को दिया झटका, एक और खालिस्तानी का होगा हिसाब!
India has declared another Khalistani living in Canada as a terrorist. भारत ने कनाडा में रह रहे एक और खालिस्तानी को आतंकी घोषित कर दिया है.
भारत ने दो ही दिनों में पाकिस्तान और कनाडा की कमर तोड़ दी है. भारत ने दोनों देशों को ऐसे हैड शॉट दिए हैं...कि अब इन्हें कोई रिवाइव तक नहीं करा पाएगा. पहले भारत ने हाफिज सईद को मांग कर पाकिस्तान को 440 वोल्ट का झटका दिया. भारत ने आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना को मांगकर सीमा पार टेंशन दे दी है. पाकिस्तान भी जानता है कि, उसके लिए भारत के अनुरोध को यूं नकार देना आसान नहीं होगा. वहीं, अब भारत ने कनाडा और खालिस्तानियों को बड़ी चोट दी है. या यूं कहें कि, निज्जर की हत्या के बाद बने कनाडा के जख्मों पर नमक छिड़क दिया है. जिससे कनाडा के खालिस्तानी समर्थक राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो बिलबिलाए फिरेंगे.
दरअसल, भारत सरकार ने कनाडा के एक और खालिस्तानी को आतंकवादी करार दिया है. सरकार ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य और गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा UAPA के तहत उसे आतंकी घोषित किया है. लांडा पर भारत में हत्या, हत्या के प्रयास सहित दर्जनों मामले दर्ज हैं. गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इस फैसले के बारे में जानकारी दी है.
अधिसूचना के मुताबिक, 33 साल का लांडा कनाडा में रहता है. पाकिस्तान से तस्करी के जरिए ब्लास्ट में इस्तेमाल होने वाली IED और हथियार भारत आते हैं, उसकी निगरानी से लेकर प्लानिंग कर का काम लांडा ही करता है. यानी वो कनाडा में बैठकर भारत में पाकिस्तान से मौत का सामान भिजवाता था. उसके खिलाफ पहले से ही एनआईए ने कई मामले दर्ज किए हैं.
इतना ही नहीं, लांडा मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर हुए हमले का मास्टरमाइंड है. इस केस में लांडा के खिलाफ पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया था. लांडा के कनाडा में फल-फूल रहे खालिस्तान समर्थक संगठन PKEs के साथ भी नजदीकी रिश्ते हैं. इसके सदस्यों में खालिस्तान टाइगर फोर्स का मारा गया आतंकी हरदीप सिंह निज्जर शामिल था. इसके अलावा, सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू और कई खालिस्तानियों से भी इसके रिश्ते हैं.
खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह लांडा के खिलाफ 2021 में लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था. एनआईए ने उस पर इनाम भी घोषित किया है. ऐसे में अब उसके आतंकी घोषित होने के बाद खालिस्तानियों को बड़ा झटका लगेगा. साथ ही कनाडा की अंतरराष्ट्रीय मंच फजीहत होगी होगी सो अलग. अब ट्रूडो खालिस्तानियों को पालने से पहले सौ बार सोचेगा.