क्या महुआ मोइत्रा अब चुनाव लड़ेंगी? विवादों से है पुराना नाता
Know all the controversies of Mahua Moitra who recently lost her MP. जानें हाल ही में जानें सांसदी गंवाने वाली महुआ मोइत्रा के सारे विवाद.
पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले लोकसभा की सदस्यता से शुक्रवार को निष्कासित हुईं टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने आगे चुनाव लड़ने के बारे में बताया है. मोइत्रा से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या वह चुनाव लड़ेंगी तो उन्होंने जवाब दिया, ''जाहिर तौर पर मैं चुनाव लड़ूंगी.''
महुआ मोइत्रा के विवाद
#WATCH | Mahua Moitra leaves from Parliament after her expulsion as TMC MP pic.twitter.com/MY8tZLsRTm
— ANI (@ANI) December 8, 2023
महुआ मोइत्रा जून 2019 में संसद में अपने भाषण में फासीवाद का जिक्र करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधकर सुर्खियों में आ गई थीं. जुलाई 2022 में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट में, देवी काली से संबंधित एक फिल्म के पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते महुआ मोइत्रा ने आपत्तिजनक बयान दिया था, साथ ही तर्क दिया था कि आपको अपनी देवी की कल्पना करने की स्वतंत्रता है.
उनके विवादित बयान से टीएमसी ने खुद को अलग कर लिया था और टिप्पणी की निंदा की थी. पार्टी ने बयान महुआ का निजी मत करार दिया था. इसके बाद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में पुलिस शिकायतें दर्ज की गई थीं.
फरवरी 2023 में महुआ मोइत्रा संसद के अंदर असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करने को लेकर विवादों के केंद्र में थीं. 10 मार्च 2023 को उन्होंने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर फर्जी डिग्री का आरोप लगाया था.
पिछले अक्टूबर में महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा. सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के एक पत्र का हवाला देते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर यह आरोप लगाया था, जिसके चलते उन्हें अपनी लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ी है.
महुआ ने 8 फरवरी 2021 को अपने संसदीय भाषण में न्यायपालिका (और मुख्य न्यायाधीश) पर हमला किया था. दिसंबर 2020 में महुआ मोइत्रा ने कुछ बंगाली समाचार चैनलों का बायकॉट करते हुए उन्हें कथित तौर पर 'दो कौड़ी' का बताया था. टीएमसी ने उनके बयान से दूरी बना ली थी. जुलाई
जुलाई 2019 में जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से महुआ मोइत्रा के खिलाफ मानहानि का केस किया गया था. जनवरी 2017 में बाबुल सुप्रियो ने महुआ मोइत्रा (और अन्य) पर रोज वैली चिट फंड घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाने के लिए मानहानि का नोटिस भेजा था.
टीवी डिबेट विवाद
जनवरी 2017 में महुआ मोइत्रा ने एक टीवी डिबेट के दौरान कथित तौर पर 'आपत्तिजनक' टिप्पणी करने के लिए उस समय बीजेपी में रहे बाबुल सुप्रियो के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की थी. अक्टूबर 2020 में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बाबुल सुप्रियो के खिलाफ पुलिस के आरोप पत्र को रद्द कर दिया था.