मदीना पहुंची स्मृति ईरानी, जानें क्या हैं सियासी मायने
Know what is the political meaning of Smriti Irani's Saudi Arabia. जानें स्मृति ईरानी के सऊदी अरब जानें के क्या सियासी मायने हैं.
हाल ही में भारत और सऊदी अरब सरकार के बीच हज यात्रा 2024 को लेकर एक समझौता हुआ था. जिससे ओवैसी जैसे अवसरवादी नेता बिलबिला उठे थे. वहीं, अब स्मृति ईरनी ने ऐसी पार्टियों को एक और करारा झटका दिया है. अब स्मृति ईरानी खुद मदीना पहुंच गईं.
दरअसल, अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय स्मृति ईरानी सऊदी अरब सरकार के जरिए आयोजित होने वाली हन-उमस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के लिए इस वक्त सऊदी अरब में है. यहां तक कि, उन्होंने मक्का स्थित काबा के बाद मुसलमानों के दूसरे सबसे पवित्र स्थत माने जाने वाले मस्जिद ए. नबवी का दौरा भी किया. इस मौके पर उनके साथ हज कमेटी ऑल इंडिया के सीईओ लियाकत अती अफाकी भी मौजूद थे.
हज कमेटी के सीईओ लियाकत अली अफाकी ने बताया कि, मदीना मेट्रो स्टेशन पर भारतीय उमरा यात्रियों ने बहुत ही गर्मजोशी के साथ ईरानी का स्वागत किया. उनसे काश सेल्फी ली और वीडियो बनाए. वहीं, स्मृति ईरानी ने भी वहां पर मौजूद तमाम लोगों से खुशगवार माहौल में मुलाकात करके उनका शुक्रिया अदा किया. मस्जिद-ए-नबवी के बाद ईरानी मस्जिद कुबा गईं और मुसलमानों के लिए पवित्र जमजम का पानी भी पिया.
इसके बाद स्मृति ईरानी ने कहा, 'ये सभी स्थान इस्लामी इतिहास के प्रारंभिक चरण से जुड़े हुए हैं, जो हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव की गहराई को रेखांकित करते हैं. उनकी सऊदी यात्रा अगले साल भारत से हज पर जाने वाले यात्रियों के लिए मददगार साबित होगी. इससे उन्हें आवश्यक जानकारी प्रदान करने में मदद मिलेगी. भारत सरकार हज यात्रा पर जाने वाले भारतीय मुसलमानों को सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है.'
बता दें कि, स्मृति ईरानी के इस दौरे और बयान के बाद मुसलमानों को बरगलाने वाली पार्टियां बिलबिलाई हुई हैं. उन्हें सदमा लगा है. वो टेंशन में हैं कि, जिस बीजेपी को वो मुसलमानों का दुश्मन बताते थे, वही पार्टी देश के मुसलमानों को सौगात पर सौगात दिए जा रही है. सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि भारत के बाहर भी बीजेपी देश के मुसलमानों के साथ खड़ी है. स्मृति ईरानी ने सऊदी जाकर शायद भारतीय मुसलमानों को यही संदेश देने की कोशिश की है.