कब अपने घर जा सकेंगे 41 मजदूर, AIIMS ऋषिकेश की निदेशक ने बता दिया

Know when the workers rescued from Silkyara Tunnel can go to their homes. जानें कब अपने घर जा सकते हैं सिल्क्यारा टनल से रेस्क्यू किए गए मजदूर.

कब अपने घर जा सकेंगे 41 मजदूर, AIIMS ऋषिकेश की निदेशक ने बता दिया

उत्‍तरकाशी टनल से बाहर आए मजदूरों का इलाज फिलहाल ऋषिकेश स्थित एम्‍स अस्‍पताल में हो रहा है. 17 दिन टनल में बिताने वाले सभी मजदूरों के हेल्‍थ स्‍टेटस की जानकारी एम्‍स की निदेशक मीनू सिंह ने दी. उन्‍होंने कहा कि टनल में फंसने के बावजूद मजदूरों से लगातार हो रही बातचीत के कारण उनकी मानिसिक स्थित अच्‍छी है. उनके लिए अगले 48 घंटे बहुत महत्वपूर्ण हैं. हालांकि इतना वक्‍त अंदर गुजराने के बाद एक मजदूर को समय का अंदाजा नहीं हो पा रहा है.

उन्‍होंने कहा, ‘ये हर्ष का विषय है हमारे 41 श्रमिक 1 बजे यहां शिफ्ट किए गए थे. वे स्वस्थ हैं और उनके पैरामीटर ठीक हैं. उन्हे रेस्ट की जरूरत है क्‍योंकि काफी समय से वो सोए नही हैं. उन्हे कोई बीमारी नहीं है. हमे मॉनिटरिंग करने की जरूरत थी. उनका किडनी फंक्शन हार्ट और दूसरी चीजें चल रही हैं. उन्हें कोई बड़ी दिक्कत नहीं है.’ उन्‍होंने बताया कि रेस्‍क्‍यू के बाद आए लोगों के लिए एक प्रोटोकॉल होता है. 48 घंटे तक उनकी मॉनिटरिंग होते हैं. इसलिए 48 घंटे का समय दिया है.

‘मजदूरों को घर पहुंचाएगी सरकार’

एम्‍स डायरेक्‍टर मीनू सिंह ने आगे कहा, ‘अभी 7 बजे तक 24 घंटे हो गए हैं. सुबह तक 36 घंटे हो जायेंगे. ये मजदूर अलग अलग राज्यों से आए हैं. सभी को स्टेट से कोऑर्डिनेटर करके सुरक्षित उनके घर भिजवाया जा रह है. जिन मजदूरों के परिवार यहां आए हैं वो यहां दिवाली मनाए. अभी मरीज यहीं रहेंगे. अभी उन्‍हें लिक्विड ज्यादा दे रहे हैं ताकि डिहाइड्रेड न हो. उनकी डाइट बैलेंस हैं. अगर किसी को दिक्कत आती है तो ट्रीटमेंट दिया जाएगा.

‘मजदूरों की नींद डिस्‍टर्ब है’

ऋषिकेश एम्‍स की डायरेक्‍टर मीनू सिंह ने आगे कहा कि कल शाम तक देखते हैं. साइकलोजिकल विभाग भी तैयार है. किसी ने बताया था कि एकदम से लाइट में आए हैं. नींद डिस्टर्ब है. आंखों में किसी की कोई दिक्कत नही हैं. एक श्रमिक को समय का नही पता लग रहा था कि कितना समय होगा तो ऐसी दिक्कत किसी और को तो नही हैं. इन सबसे बाहर आने में समय लगेगा. हम आंखों, लंग्स की परेशानी या फिर दूसरी चीजें हैं, उनकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. अगर अंदर कम्युनिकेशन नही होता तो बहुत दिक्कत सभी को आती. अच्छी बात रही कि बातचीत होती रही.