राम मंदिर के कार्यक्रम से नाराज मुस्लिम संगठन! SC पर भी उठाए सवाल
Muslim organizations angry over Ram Mandir program have issued a joint statement. राम मंदिर कार्यक्रम से नाराज मुस्लिम संगठनों ने साझा बयान जारी किया है.
अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है. पूरा देश खुशियां मना रहा है. चंद कट्टरपंथियों को छोड़कर. ये कट्टरपंथी प्रभू राम और राम मंदिर की अलोचना कर भद्दे कामेंट कर रहें है. तो कोई जिहादी मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दे रहा है. ये लोग इतने बिलबिलाए हुए हैं कि, राम मंदिर का विरोध करने के लिए तरह-तरह के जुगाड़ ढूंढ रहे हैं. वहीं, अब देश के बड़े-बड़े मुस्लिम संगठन भी जिहादियों और कट्टरपंथी की राह पर चल पड़े हैं.
दरअसल, इन मुस्लिम संगठनों ने 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के कार्यक्रम को लेकर बयान जारी किया है. इस बयान में राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर सरकारी सरपरस्ती पर सवाल खड़े किए गए हैं. एक बार फिर मुस्लिम संगठनों ने सेक्यूलरिज्म का रोना-रोया है....एक बार फिर विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश की है. मुस्लिम संगठनों का कहना है कि, जिस तरह से कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और सरकार कार्यक्रम कर रही है....वो देश के सेक्यूलर दस्तूर के खिलाफ है.
इतना ही नहीं, इन मुस्लिम संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं...इन लोगों का कहना है कि, कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाए जाने के कोई सबूत नहीं मिले थे. उसके बावजूद भी कोर्ट ने सिर्फ आस्था को बुनियाद बनाकर मस्जिद की जगह मंदिर बनाने के लिए दे दी. हमें ऐतराज़ है कि, Worship Act 1991 के कानून को दरकिनार करते हुए अदालत दूसरी मस्जिदों पर भी सुनवाई कर रही है. ऐसे में राम मंदिर के कार्यक्रम में सरकार का शामिल होना विवादित है, कोई भी Secular इंसान इसको पसंद नहीं करेगा. इसके साथ ही मुस्लिम संगठनों ने देश के मुसलमानों से अपील की है कि, वो मायूस न हों और अमन बरकरार रखें.
बता दें कि, भगवान राम को अपने मंदिर में विराजमान होते इन मुस्लिम संगठनों से देखा नहीं जा रहा है. ये बैखलाए हुए हैं. राम मंदिर का विरोध करने का नया-नया तरीका ढूंढते रहते हैं. ये भूल कर कि, अब देश में मोदी राज है. बीजेपी की सरकार है. अब दुनिया की कोई ताकत रामलला को उनके मंदिर में विराजमान होने से नहीं रोक सकता.