मालदीव को भारी पड़ेगी भारत से दुश्‍मनी! PM मोदी ने बनाया 'लक्षद्वीप प्लान'

PM Modi made this Lakshadweep plan to teach a lesson to anti-India Maldives. भारत विरोधी मालदीव को सबक सिखाने के लिए पीएम मोदी ने बनाया ये लक्षद्वीपप्लान.

मालदीव को भारी पड़ेगी भारत से दुश्‍मनी! PM मोदी ने बनाया 'लक्षद्वीप प्लान'

मालदीव की कमान चीन के 'गुलाम' मोहम्‍मद मुइज्‍जू के हाथ में है....मुइज्‍जू के राष्‍ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के रिश्ते रसातल में पहुंच गए हैं. मोहम्‍मद मोइज्‍जू 'इंडिया आउट' कैंपेन चलाकर ही सत्‍ता में आए और आते ही उन्‍होंने भारत के साथ सभी समझौतों को तोड़ना शुरू कर दिए थे. वो लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं...भारत से हर समझौता तोड़ने की कगार पर हैं...इतना ही नहीं....मालदीव से भारतीय सैनिकों को भी बाहर निकालना चाहते हैं....लेकिन, वो भूल गए थे कि, दिल्ली की गद्दी पर अब मोदी बैठा है...जो जिस भाषा में समझता है...वो  उसे उसी भाषा में समझा देते हैं...मालदीव की कमर तोड़ने के लिए पीएम मोदी ने 'लक्षद्वीप प्‍लान' बनाया है...जिसके सुनते ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू सहम उठेगा. 

दरअसल, मालदीव के राष्‍ट्रपति ने हाल ही में भी भारत के खिलाफ जह‍र उगला था. ठीक उसी समय पीएम नरेंद्र मोदी ने मालदीव से सटे भारत के लक्षद्वीप से अद्भुत तस्‍वीरें शेयर कर मोइज्‍जू को कड़ा संदेश दे दिया. विशेषज्ञों का कहना है कि, पीएम मोदी का मालदीव को अब साफ संदेश है कि, भारत को उसकी जरूरत नहीं है. आइए समझते हैं पूरा मामला...

बता दें कि, अब तक मालदीव में नया राष्‍ट्रपति बनने के बाद वहां के नेता सबसे पहले भारत का दौरा करते रहे हैं. मोइज्‍जू ने इसको बदलते हुए तुर्की की यात्रा की और अब वो चीन जा रहे हैं. लेकिन, चीन जाने से पहले मोइज्‍जू ने एक बार फिर भारत विरोधी बयान दिया था. मुइज्जू ने एक बार फिर मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को हटाने का राग अलापा था....इतना ही नहीं...मोइज्‍जू ने चीन के इशारे पर भारत के साथ होने वाले हाइड्रोग्राफिक सर्वे सैन्य समझौते को खत्‍म कर दिया है. माना जा रहा है कि, मोइज्‍जू अब चीन के साथ ऐसे समझौते पर आगे बढ़ सकते हैं. ऐसे में मालदीव के इस भारत विरोधी रुख के बाद अब मोदी सरकार ने भी कमर कसनी शुरू कर दी है. पीएम मोदी के रणनीतिक रूप से बेहद अहम लक्षद्वीप से तस्‍वीरों के जारी करने और पर्यटकों से आने की अपील को कई विशेषज्ञ मालदीव से जोड़कर देख रहे हैं.

दरअसल, मालदीव के समुद्री तट अपनी सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में बहुत प्रसिद्ध हैं. ये मालदीव की कमाई का प्रमुख स्रोत है. साल 2018 में भारत मालदीव के लिए पर्यटकों के स्रोत के मामले में 5वां सबसे बड़ा स्रोत था. साल 2019 में भारत दूसरे स्‍थान पर पहुंच गया. भारत से कुल 1,66,030 पर्यटक मालदीव पहुंचे. कोरोना काल में भी भारत के 63 हजार पर्यटक मालदीव पहुंचे जो सबसे ज्‍यादा थे. साल 2021 और साल 2022 में भी भारत 2.91 लाख और 2.41 लाख पर्यटकों के साथ शीर्ष पर बना रहा. साल 2023 में भी जून तक 1 लाख लोग मालदीव पहुंच चुके थे.

भारत का लक्षद्वीप ठीक उसी तरह के खूबसूरत समुद्री तटों के लिए जाना जाता है. हालांकि, कई तरह के यात्रा प्रतिबंधों और पर्यटकों के लिए जरूरी सुविधाओं की कमी की वजह से पर्यटक कम जाते हैं. अब पीएम मोदी ने खुद ही लक्षद्वीप को बढ़ावा देने की कमान संभाल ली है. बताया जा रहा है कि, लक्षद्वीप के लिए जल्‍द ही कनेक्‍टविटी को सुधारा जाएगा और कई होटल भी खोले जाएंगे. इससे भारत पर्यटकों को मालदीव जैसी प्राकृतिक सुंदरता भारत में भी देखने को मिलेगी. ये मालदीव के लिए बड़े झटके की तरह से होगा...ज‍िसकी अर्थव्‍यवस्‍था पर्यटन पर काफी हद तक निर्भर है.