PM मोदी ने जारी किया 525 रुपये का सिक्का, जानें क्यों और कब?

PM Modi, who reached the Braj Raj program, released a postage stamp and a coin of Rs 525 on Mirabai. ब्रज रज कार्यक्रम में पहुंचे पीएम मोदी ने मीराबाई पर डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का जारी किया

PM मोदी ने जारी किया 525 रुपये का सिक्का, जानें क्यों और कब?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश की कृष्णनगरी मथुरा पहुंचे. यहां सबसे पहले प्रधानमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान में दर्शन किए और पूजा पाठ की. इसके बाद ब्रज रज कार्यक्रम में पहुंचे और मीराबाई पर डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का जारी किया. साथ ही इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कई बड़ी बातें कहीं. 

राधे-राधे से पीएम मोदी ने की भाषण की शुरूआत

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत राधे-राधे से करते हुए कहा सबसे पहले क्षमा चाहता हूं कि चुनाव में था, मेरा सौभाग्य है कि आज ब्रज के दर्शन का अवसर मिला. ब्रज वासियों के दर्शन का अवसर मिला. यहां वही आता है जिसे कृष्ण बुलाते हैं. ये साधारण धरती नहीं है. ये श्याम और लाड़ली जी के प्रेम का अवतार है. ब्रज की ब्रज में राधा रानी हैं.

ये कोई साधारण धरती नहीं

मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज ब्रज के दर्शन का अवसर मिला है, ब्रजवासियों के दर्शन का अवसर मिला है. क्योंकि यहां वही आता है जिसे श्रीकृष्ण और श्रीजी बुलाते हैं. ये कोई साधारण धरती नहीं है. ये ब्रज तो हमारे ‘श्यामा-श्याम जू’ का अपना धाम है. ब्रज ‘लाल जी’ और ‘लाडली जी’ के प्रेम का साक्षात अवतार है. ये ब्रज ही है, जिसकी रज भी पूरे संसार में पूजनीय है.

राधा के बिना कृष्ण का नाम अधूरा

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा भारत हमेशा से नारी शक्ति को बढ़ावा देने वाला देश रहा है. यहां कान्हा की नगरी में भी लाड़ली सरकार की ही चलती है. कृष्ण के पहले भी राधा लगता है, तभी उनका नाम पूरा होता है. 

मां गंगा ने बुलाया तो आपके बीच बस गया

गुजरात के लोगों को ब्रज में आने का सौभाग्य मिलता है तो उसे द्वारिकाधीश की कृपा मानते हैं. मुझे तो मां गंगा ने बुलाया और 2014 से आकर आपके बीच बस गया. इस महोत्सव में संत मीराबाई के नाम पर सिक्का और टिकट जारी करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ  है. 84 कोस का ये ब्रज मंडल  यूपी और राजस्थान को जोड़कर बनता है. 

भगवान कृष्ण और मीरा का गुजरात से अलग ही रिश्ता

इस समारोह में आना इसलिए भी विशेष है क्योंकि भगवान कृष्ण से लेकर मीराबाई तक गुजरात का अलग ही रिश्ता रहा है. मथुरा के कान्हा ने यहां से जाकर गुजरात में द्वारिका बनाई. मीराबाई ने राजस्थान से आकर अंत समय गुजरात में बिताया.