पहले पेपर लीक, अब परीक्षा निरस्त, सीएम योगी ने लिया ये फैसला
योगी सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी है. Yogi government has canceled the UP Police recruitment examination and handed over its investigation to STF.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी है. इसके साथ ही, पुलिस भर्ती परीक्षा में एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
सीएम योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर कर कहा कि आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा को निरस्त करने और 6 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने के आदेश दिए गए हैं. परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी हालत में बख्शे नहीं जाएंगे, उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
.@Uppolice आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी 06 माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 24, 2024
परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं…
विभाग से जारी किया प्रेस रिलीज
गृह विभाग की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि 17 और 18 फरवरी को हुई परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया गया है. सरकार ने भर्ती बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि जिस भी स्तर पर लापरवाही बरती गई है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
विभाग ने कहा कि सरकार ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंपने का फैसला किया है। जो कोई भी मामले में दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने 6 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराने और यूपी परिवहन निगम को परीक्षार्थियों के लिए फ्री बस सेवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुके थे, जिसे लेकर लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन हुए थे. छात्रों ने पेपर लीक का आरोप लगाते हुए कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए और पेपर दोबारा कराने की मांग करने लगे.