राम मंदिर के बाद अब आने वाला है CAA, तैयारी हुई पूरी

A big update regarding CAA has come from the Home Ministry. गृह मंत्रालय की तरफ से सीएए को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है.

राम मंदिर के बाद अब आने वाला है CAA, तैयारी हुई पूरी

बीजेपी एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खोलने वाली है. राम मंदिर सपना पूरा हुआ, अब बारी है CAA की. उसी सीएए की, जिसको लेकर दिल्ली की सड़कों पर खूब बवाल हुआ था. उसी सीएए को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. जिससे सुनने के बाद कट्टरपंथियों को झटका लगने वाला है. 

दरअसल, राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और नागरिक संशोधन कानून, मोदी सरकार के प्रमुख एजेंडों में शुमार रहा है. बीजेपी ने अपने ज्यादातर एजेंडों को पूरा कर लिया है. ऐसे में अब पार्टी का पूरा जोर CAA पर है. केंद्र सरकार के इस विधेयक को दिसंबर 2019 में ही संसद ने मंजूरी दे दी थी. जिसके बाद इस्लामिक संगठनों ने देशव्यापी विरोध किया था. ऐसे में सरकार को इस मामले में थोड़ी ढील देनी पड़ी. लेकिन, मोदी सरकार जो कहती है वो कर दे दिखाती है. ऐसे में इस मसले पर अंदर ही अंदर काम जारी था. जिसपर अब गृह मंत्रालय ने एक बड़ी अपडेट दी है. 

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा है कि, 'हम जल्द ही सीएए के नियम जारी करने जा रहे हैं. नियम जारी होने के बाद, कानून लागू किया जा सकता है. और पात्र लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.' वहीं, इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि, 'सीएए के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता. क्योंकि ये देश का कानून है.' ऐसे में अब एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है कि, केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू कर सकती है. 

बता दें कि, CAA के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय राष्ट्रीयता दी जाएगी. इस्लामिक संगठनों को ऐतराज था कि मुस्लिमों को इस कानून से क्यों बाहर रखा गया था. सरकार का तर्क है कि मुस्लिम देशों से प्रताड़ित होकर आए अल्पसंख्यकों को जगह दी जाएगी, बहुसंख्यक मुस्लिमों को नहीं.

इस कानून को लागू होने में पहले ही चार साल की देरी हो चुकी है. ऐसे में अब संभावना है कि, लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही सीएए को अधिसूचित कर दिया जाएगा. इसके लिए नियम तैयार कर लिए गए हैं. ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया पूरी करनी होगी. जो भी पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान से भारत में आये हैं. उन्हें उस तारीख का जिक्र करना होगा. हालांकि, उनसे इस बाबत कोई दस्तावेज की मांग नहीं की जाएगी.