Kannauj Lok Sabha Seat पर सियासी जंग शुरु, अखिलेश यादव करेंगे नामांकन दाखिल
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज 12 बजे कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. जिनके साथ BJP के सुब्रत पाठक भी अपना नामांकन दाखिल करेंगे. Samajwadi Party national president Akhilesh Yadav will file his nomination from Kannauj Lok Sabha seat at 12 noon today. Along with whom BJP's Subrata Pathak will also file his nomination.
19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल 7 चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 में 102 सीटों की पहले फेज की वोटिंग पूरी हो चुकी है, जिसके बाद अब कल दूसरे फेज की वोटिंग होनी है.
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज 12 बजे कन्नौज लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल करेंगे. कन्नौज लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ रही है, लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP के सुब्रत पाठक से हार का सामना करना पड़ा. इस बार भी BJP ने सुब्रत पाठक को ही मैदान में उतारा है, जिनका मुकाबला अब अखिलेश यादव से होगा और दोनों ही नेता आज ही अपना नामांकन दाखिल करेंगे
1998 से 2019 तक का सफर
साल 1967 में कन्नौज लोकसभा सीट अस्तित्व में आई, जिसके बाद कांग्रेस नेता और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित भी इस सीट से एक बार सांसद रह चुकी हैं. साल 1998 से 2019 तक लगातार इस सीट पर SP का ही कब्जा रहा है. साल 1998 में पहली बार SP से प्रदीप यादव सांसद चुने गए, 1999 मुलायम सिंह यादव ने कन्नौज से चुनाव जीता लेकिन बाद में उन्होंने ये सीट छोड़ दी और फिर अखिलेश यादव ने उपचुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की.
फिर इतिहास दोहराया जाएगा
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 25, 2024
अब नया भविष्य बनाया जाएगा pic.twitter.com/eH0ZkFPIwC
2019 में BJP ने पटली बाजी
अखिलेश यादव ने 2004 में BSP के ठाकुर राजेश सिंह और 2009 लोकसभा चुनाव में BSP में महेश चंद्र वर्मा को हराकर जीत हासिल की. साल 2014 में इस सीट से अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव ने चुनाव लड़ा और मोदी सरकार के आने पर BJP के सुब्रत पाठक को हरा दिया, लेकिन 2019 में बाज़ी पलटी और BJP के सुब्रत पाठक ने कन्नौज से जीत दर्ज कर डिंपल यादव से हार का बदला ले लिया.
कन्नौज मे कितने मतदाता?
कन्नौज लोकसभा सीट पर कुल 18 लाख मतदाता है, जिसमें मुस्लिम और यादव समुदाय काफी मज़बूत है जो जीत में अहम भूमिका निभाता है. इनके अलावा 2.5 दलित, दस फीसद राजपूत और 15 फीसद ब्राह्मण मतदाता है.