Akhilesh Yadav नहीं, इन 5 चेहरों पर टिकी है सबकी नजरें, एक ही परिवार से है सबका संबंध

इस बार पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन उन्‍होंने अपने परिवार के 5 सदस्‍यों को चुनावी मैदान पर उतारा है. This time party chief Akhilesh Yadav is not contesting the elections but he has fielded 5 members of his family.

Akhilesh Yadav नहीं, इन 5 चेहरों पर टिकी है सबकी नजरें, एक ही परिवार से है सबका संबंध

लोकसभा चुनाव की तैयारियां  पूरी हो चुकी हैं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. 19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल सात चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे.     

वहीं इस बार उत्‍तर प्रदेश के चुनावों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. यहां पर समाजवादी पार्टी (SP) जो इंडिया ब्‍लॉक का हिस्‍सा है, उसका प्रदर्शन कैसा होगा, हर कोई इस पर चर्चा कर रहा है. इस बार पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन उन्‍होंने अपने परिवार के 5 सदस्‍यों को चुनावी मैदान पर उतारा है.   

कौन है अखिलेश यादव के फैमिली के 5 बड़े चेहरे 

अखिलेश की पत्‍नी डिंपल के अलावा धर्मेंद्र, आदित्‍य और अक्षय यादव पर पार्टी के अच्‍छे प्रदर्शन का कार्य प्रभारी है. इस बार अखिलेश ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव कन्‍नौज की सीट से चुनावी मैदान में उतारा. तेज प्रताप यादव 2014 में मैनपुरी से जीतकर संसद पहुंचे थे. 

धर्मेंद्र यादव 

SP ने धर्मेंद्र यादव को आजमगढ़ से टिकट दिया है. इस संसदीय क्षेत्र को मुलायम सिंह के समय से ही पार्टी का गढ़ माना जाता रहा लेकिन साल 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी यहां से हार गई थी.  

अक्षय यादव 

फिरोजाबाद से अखिलेश ने पार्टी के वरिष्‍ठ नेता रामगोपाल यादव के बेटे और चचेरे भाई अक्षय को टिकट दिया है. शिवपाल यादव ने भी अक्षय को फिरोजाबाद से जिताने का संकल्‍प ले लिया है. 

डिंपल यादव 

अखिलेश की पत्‍नी डिंपल यादव इस समय मैनपुरी से सांसद हैं. मुलायम सिंह यादव की मृत्‍यु के बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में डिंपल ने जीत दर्ज की, लेकिन पिछले चुनाव में वह कन्‍नौज से हार गई थीं. मैनपुरी में SP ने 7 बार जीत दर्ज की है. 

आदित्‍य यादव 

बदायूं से पार्टी ने आदित्‍य यादव को टिकट दिया है. यह वह सीट है जिस पर काफी मतभेद देखने को मिला. पहले पार्टी यहां से धर्मेंद्र यादव को टिकट देना चाहती थी. लेकिन उन्‍हें आजमगढ़ से टिकट दिया गया. इसके बाद इस सीट से शिवपाल को टिकट मिलना था मगर वह अपनी जगह बेटे के लिए टिकट चाहते थे. ऐसे में अंत में आदित्‍य के नाम पर रजामंदी बनी. 

तेज प्रताव यादव 

इस बार अखिलेश ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव कन्‍नौज की सीट से चुनावी मैदान में उतारा. तेज प्रताप यादव 2014 में मैनपुरी से जीतकर संसद पहुंचे थे. कन्‍नौज सीट पर न सिर्फ यादव फैमिली की प्रतिष्‍ठा इस बार दांव पर है बल्कि अखिलेश का करियर भी यहां पर आने वाले नतीजों पर टिका है.