जानें, कितना खतरनाक है Corona Virus का नया वैरिएंट JN.1?
वैज्ञानिकों के मुताबिक JN.1 वैरिएंट BA.2.86 का ही वंशज है, जिसे पिरोला’ भी कहा जाता है, जो ओमीक्रॉन से आया है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट से घबराने की जरूरत नहीं है। सावधानी बरतने से इससे बचा जा सकता है.
देश पर कोरोना वायरस का खतरा एकबार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है. रविवार को देशभर में कोरोना के 335 नए मामले सामने आए हैं. वहीं एक्टिव केस 1700 से ज्यादा कंफर्म किए गए है. इसके साथ ही केरल में कोरोना वायरस का JN.1 वैरिएंट का नया मामला भी सामने आया है. अभी तक ये वैरिएंट केरल की 79 साल की एक महिला, जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के लक्षण पाए गए है. इसके पहले इस महिला को कोरोना भी हुआ था, लेकिन वे इससे बिल्कुल ठीक हो गई थी.
दुनिया में JN.1 वैरिएंट का पहला मामला यूरोपियान देश लग्जमबर्ग में पाया गया था, जिसके बाद इंग्लैंड, आइसलैंड, फ्रांस, अमेरिका और चीन में कोरोना का यह सबवेरिएंट पाया गया और अब भारत में भी इसका पहला मामला देखने को मिला है, जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी कर अस्पतालों में इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई है.
पीपुल्स हेल्थ ऑर्गनाइजेशन-इंडिया और ऑर्गेनाइज्ड मेडिसिन एकेडमिक गिल्ड-ओएमएजी के महासचिव डॉ. ईश्वर गिलाडा ने \कहा कि अब तक नए सबवेरिएंट JN.1 में गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं। इससे कोई मरीज गंभीर हालत में नहीं है और न ही किसी को आईसीयू में भर्ती होने की जरूरत है, इससे संक्रमित मरीजों को वेंटिलेटर या ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखने की जरूरत भी नहीं है.
दिल्ली के गंगा राम अस्पताल में चेस्ट मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. उज्ज्वल प्रकाश ने बताया कि इससे घबराने की जरुरत नहींम बल्कि सतर्क रहना बहुत जरूरी है. वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. निरोज मिशा ने कहा कि JN.1 वेरिएंट एक हल्की बीमारी है, जिसके लक्षण बहुत हल्के हैं और केवल 0.5 प्रतिशत लोगों को ही ज्यादा मदद की जरूरत है.