तो ऐसे 'धन कुबेर' बना धीरज साहू! आयकर विभाग ने सब बता दिया...
Income Tax Department's first reaction to the raid on Dheeraj Sahu's premises. धीरज साहू के ठिकानों पर रेड पर आयकर विभाग की पहली प्रतिक्रिया आई है.
कांग्रेस (Congress) के राज्यसभा सांसद धीरज साहू (Dheeraj Sahu) के घर आयकर विभाग (IT) ने छापा मारा था. कई दिनों तक चली इस कार्रवाई ने पूरे देश के होश उड़ा दिए थे. धीरज साहू के घर इतने नोट मिले कि, उनको गिनने में ही कई दिन लग गए. साथ ही नोट गिनने की कई मशीने भी खराब हो गईं थी. इनकम टैक्स विभाग ने धीरज साहू के ठिनानों पर की गई छापेमारी पर पहली बार बयान दिया है. आइए जानते हैं कि, आयकर विभाग ने इस रेड के बारे में क्या-क्या बताया?
कहां मिला सबसे ज्यादा पैसा?
आयकर विभाग के अधिरकारियों ने बताया कि, हमें धीरज साहू के ठिकानों से 351 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके अलावा, 2.80 करोड़ के आभूषण भी जब्त किए गए. 351 करोड़ रुपये में से 329 करोड़ रुपयों को बोलांगीर जिले के सुदापाड़ा, टिटलागढ़ और संभलपुर जिले के खेतराजपुर समेत ओडिशा के छोटे शहरों में जीर्ण-शीर्ण इमारतों के छिपे हुए कमरों में रखा गया था.
और क्या मिला?
आईटी के ऑपरेशन में ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 10 जिलों में फैले 30 से ज्यादा परिसरों को कवर किया गया. समूह का व्यवसाय रांची स्थित एक परिवार की ओर से नियंत्रित किया जाता है. सर्च ऑपरेशन के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य पाए गए और जब्त किए गए. जब्त किए गए सबूतों के शुरुआती विश्लेषण से देशी शराब की बेहिसाब बिक्री के रिकॉर्ड, अघोषित नकदी प्राप्तियों की डिटेल और बेहिसाब नकदी की आवाजाही के संदर्भ का पता चलता है.
समूह की व्यावसायिक गतिविधियों को देखने वाले मुख्य कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि तलाशी अभियान के दौरान जब्त की गई नकदी समूह की बेहिसाब आय का प्रतिनिधित्व करती है. इसकी पुष्टि परिवार के एक सदस्य ने भी की, जो व्यवसाय में सक्रिय रूप से शामिल है. सर्च ऑपरेशन के दौरान सामने आए तथ्य इस ओर इशारा कर रहे हैं कि यह समूह शराब कारोबार से अर्जित आय को बड़े पैमाने पर छिपाने में लगा हुआ है.