ISRO ने फिर किया कमाल, लॉन्च की गगनयान की टेस्ट फ्लाइट
Indian Space Agency ISRO successfully launches test flight of Mission Gaganyaan. भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने मिशन गगनयान की टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक लॉन्च की.
आज यानी शनिवार सुबह से ही इसरो (ISRO) के श्रीहरिकोटा केंद्र में हलचल बढ़ गई थी. सुबह 8 बजे गगनयान मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल का टेस्ट होना था. लेकिन, दो बार इसमें देरी हुई. पहले 9 बजे के करीब काउंटडाउन शुरू हुआ तो, आखिरी 5 सेकेंड में ये अचानक रुक गया. इसरो चीफ ने बताया कि, कुछ खामी पता चली है जिससे होल्ड हो गया. अच्छी बात ये है कि, पौन घंटे के भीतर सारी तकनीकी खामियों को दूर कर इसे सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया.
इस स्पेस रेस में दुनिया के चुनिंदा देशों के साथ भारत भी खड़ा होने के मुकाम पर है. अंतरिक्ष में मानव भेजने के भारत के महत्वाकांक्षी मिशन गगनयान स्वदेशी तकनीक से निर्मित देश का ऐसा मिशन होने है जो कि भविष्य में दुनिया भर में भारतीय वैज्ञानिक क्षमता का परचम लहराने वाला होगा.
क्या है मकसद?
मिशन गगनयान के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को धरती से 400 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. जहां तीन दिनों तक अंतरिक्ष यात्री धरती की कक्षा के चक्कर लगाएंगे. इसके बाद इन अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित धरती पर लैंड कराया जाएगा. गगनयान में अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाले कैप्सूल को बंगाल की खाड़ी में वापस लैंड किया जाएगा. जहां भारतीय नौसेना इन्हें ढूंढकर सुरक्षित बचाएगी.
ये पूरी तकनीक स्वदेशी है और इसरो के साथ मिलकर भारत की तकनीकी कंपनियों ने इन्हें विकसित किया है. इसकी सफलता भविष्य में भारत की स्वदेशी स्पेस नेविगेशन, रिमोट सेंसिंग, रिमोट ड्राइविंग, रिमोट नेविगेशन जैसी स्वदेशी तकनीक में नई इंडस्ट्रीज के द्वार खुलेंगे.