जेल में ऐसे बीती आजम खान और उनके परिवार की पहले रात, जानें क्या खाया?
Know the condition of Azam Khan and his family who went to jail on charges of making fake birth certificate. जानें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में जेल गए आजम खान और उनके परिवार का हाल
आजम खान और उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ तजीन फातिमा और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है. उन्हें फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का दोषी पाया गया है. सात सात साल की सजा होने के बाद इन तीनों को रामपुर की जिला जेल में रखा गया है. जेल सूत्रों के मुताबिक आजम खान और अब्दुल्ला आजम को एक बैरक में साथ रखा गया है और आजम खान की पत्नी डॉ तजीन फातिमा को अलग महिला बैरक में रखा गया है, तीनों को सामान्य बैरकों में ही रखा गया है.
जेल में रात उन्हें जेल मैनुअल के मुताबिक खाने के लिए दाल रोटी दी गयी थी लेकिन आजम खान और उनकी पत्नी व बेटे अब्दुल्ला आजम ने खाना नहीं खाया. सुबह नाश्ता दिया गया था तो आजम खान और अब्दुल्ला आजम ने नाश्ता साथ में किया. देर रात तक आजम खान और उनका बेटा अब्दुल्ला आजम जागते ही रहे. बताया जा रहा है की रात 3 बजे के बाद दोनों सोये और सवेरे जाग गये थे. रात में दोनों को ओढ़ने के लिए चादर और कंबल दिए गये थे. अभी तीनों से मिलाई करने के लिए कोई भी जेल नहीं पहुंचा है.
आजम खान और उनकी पत्नी डॉ तजीन फातिमा ने घर से अपनी दवाई मंगवाने के लिए जेल प्रशासन से कहा है. कुछ दवाई उन्हें जेल में डॉक्टर ने उपलब्ध भी कराई हैं. वहीं रामपुर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आजम खान को रामपुर जेल से किसी अन्य जेल में शिफ्ट किया जाये या नहीं इस पर विचार कर रहे हैं.
बता दें कि, आजम खान और अब्दुल्ला आजम व तजीन फातिमा तीनों पर सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं. ऐसे में आये दिन उन्हें रामपुर जिला अदालत में मुकदमे की सुनवाई के समय कोर्ट में आना पड़ता है. अगर उन्हें किसी अन्य जनपद की जेल भेज दिया गया तो वहां से उन्हें कोर्ट लाने ले जाने में काफी दिक्कत हो सकती है.
रामपुर कोर्ट में अब्दुल्ला आजम के दो पासपोर्ट मामले में सुनवाई होनी थी लेकिन जज शोभित बंसल के अवकाश पर होने के करण अब इस केस की सुनवाई 4 नवंबर को होगी. आजम खान और उनकी पत्नी डॉ तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को कल शुक्रवार रामपुर की एसीजेएम प्रथम की अदालत ने अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्रों में दोषी ठहराते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई थी.