जंग के बीच थाइलैंड में जुटे हैं 61 देशों के हिंदू, कुछ बड़ा होने वाला है?

Know the purpose of the World Hindu Congress program held in Bangkok of Thailand. जानें थाईलैंड के बैंकॉक में हुए वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस कार्यक्रम का क्या उद्देश्य है.

जंग के बीच थाइलैंड में जुटे हैं 61 देशों के हिंदू, कुछ बड़ा होने वाला है?

फिलीस्तीन में इजरायल और हमास के बीच मजहब के आधार पर जबरदस्त जंग चल रही है. दुनिया के अधिकतर देश भी स्पष्ट दृष्टिकोण रखने के बजाय यहूदी और मुसलमान, दो खेमे में बंटे नजर आ रहे हैं. इन्हीं हालात में थाईलैंड में भी 61 देशों के ढाई हजार हिंदू विद्वान जुटे हुए हैं. आखिर दुनिया में चल रही उथल-पुथल के बीच इतने देशों के हिंदू बौद्ध बहुल देश में क्या कर रहे हैं. यह सवाल कईयों को परेशान कर रहा है. 

बैंकॉक में तीसरी वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस

असल में थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में 24 से 26 नवंबर तक तीसरी वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस का आयोजन हो रहा है. इस तरह की पहली कांग्रेस वर्ष 2013 में दिल्ली में हुई थी. इसके बाद दूसरा संस्करण 2018 में अमेरिका के शिकागो शहर में हुआ और तीसरा संस्करण बैंकॉक में हो रहा है. 

पांच साल के अंतराल पर होने वाली इस  कांग्रेस में शामिल होने के लिए दुनियाभर के 61 देशों के हिंदू विद्वान वहां पहुंचे हैं. उनमें विभिन्न देशों के 25 हिंदू मंत्री और सांसद भी शामिल हैं. इस अनूठी पहल को करने का श्रेय RSS से जुड़े लोगों को जाता है. 

'इन 5 पहलुओं पर करना होगा काम'

स्वामी विज्ञानानंद के अनुसार दुनिया में हिंदू तादाद के मामले में तीसरे नंबर पर हैं लेकिन वे एकजुट न होकर बिखरे हुए हैं. अगर उन्हें दुनिया में फिर से अपनी पहचान और प्रतिष्ठा हासिल करनी है तो एजुकेशन, एकेडमिया, इकॉनॉमी, पॉलिटिक्स और मीडिया पर अपना फोकस करना होगा. इन 5 पहलुओं पर काम करके ही दुनियाभर के हिंदू फिर से अपना सांस्कृतिक गौरव वापस पा सकते हैं. यह वर्ल्ड हिंदू कांग्रेस इसी बारे में चेतना जगाने का काम कर रही है. 

'हिंदुओं की परंपराओं पर हुआ हमला'

उन्होंने कहा कि विदेशी हमलावरों ने छल-कपट से भारत पर कब्जा करके अपने हिसाब से इतिहास लिखा. तथ्यों को तोड़-मरोड़कर हिंदू संस्कृति, उसकी परंपराओं और मान्यताओं का मजाक उड़ाया गया. यहां तक भारत का नाम हिंदुस्थान से बदलकर हिंदुस्तान, इंडिया और इंडिक कर दिया गया है. अब उन ऐतिहासिक गलतियों को दूर किया जा रहा है. जिसके बाद अब भारत में हिंदू धर्म का सम्मान फिर से बढ़ रहा है. अब कई देशों के प्रमुख खुद को गर्व से हिंदू कह रहे हैं. यह एक ऐसा बदलाव है, जिसका कुछ अरसा पहले तक कल्पना नहीं की जा सकती थी.