नीतीश-अखिलेश-कांग्रेस की राहें हुईं जुदां! अब I.N.D.I. गठबंधन का क्या होगा?

Know what will happen to Indi alliance after the split in opposition parties. जानें विपक्ष की पार्टियों में फूट पड़ने के बाद इंडी गठबंधन का क्या होगा.

नीतीश-अखिलेश-कांग्रेस की राहें हुईं जुदां! अब I.N.D.I. गठबंधन का क्या होगा?

अगले कुछ दिनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने हैं. वहीं, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भी अब छह महीनों का समय बचा है. एनडीए (NDA) को हराने के लिए विपक्षी पार्टियों ने I.N.D.I. गठबंधन बनाया था. जिसमें अब फूट पड़ने लगी है. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और इस महागठबंधन के सूत्रधारों में से एक नीतीश कुमार (Nitish Kumar) अब खुलकर कांग्रेस (Congress) के खिलाफ बोल रहे हैं. अखिलेश यादव तो यहां तक कह चुके हैं कि, कांग्रेस एक चालू पार्टी है. ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि, इस पार्टियों में बढ़ी इस नाराजगी के बाद I.N.D.I. गठबंधन का क्या होगा? 

क्यों पड़ी फूट?

बता दें कि, विधानसभा चुनाव के लिए I.N.D.I. गठबंधन की पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पा रही है. जिसको लेकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने साफ-साफ कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ा था. उन्होंने कहा था कि, गठबंधन में कोई काम नहीं हो रहा है. वहीं, अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव में तवज्जो न दिए जाने पर नाराजगी जता चुके हैं. इसके अलावा, ममता बनर्जी की नाराजगी की बातें भी कही जा रही हैं.

वैसे, कई मौकों पर नीतीश कुमार कह चुके हैं कि कांग्रेस के बिना विपक्षी गठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती. माना यह भी जाता है कि नीतीश के कारण ही कांग्रेस से नाराज दल भी इस गठबंधन में साथ आए थे लेकिन समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव अब कांग्रेस से सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जाहिर कर दी है. माना जा रहा है कि सीट बंटवारे की जल्द चर्चा नहीं होने को लेकर नीतीश कुमार कांग्रेस से नाराज हैं। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि क्षेत्रीय दल कांग्रेस को अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है.

 दिल्ली, बंगाल केरल,और यूपी में इंडिया के घटक दलों को कांग्रेस के खतरनाक रवैये से असहज होना स्वाभाविक है. क्षेत्रीय दल अपनी मजबूत सियासी जमीन पर कांग्रेस को ज्यादा स्पेस देने से हिचकिचा रहे हैं. सभी क्षेत्रीय दल सीटों के बंटवारे को लेकर जल्द बातचीत शुरू करना चाहते हैं. इंडिया गठबंधन में जल्द सबकुछ ठीक नहीं हुआ तो नीतीश कुमार अन्य विकल्प की तलाश में जुट सकते हैं.