मरी नहीं जिंदा हूं मैं, मुझे वोट डालने दो, सरकारी रिकॉर्ड की वजह से मतदान केंद्र से खाली हाथ लौटी बुजुर्ग महिला
सिलीगुड़ी के एक बूथ में बसंती दास नाम की एक बुजुर्ग महिला जब वोट डालने गई तो उसे पता चला कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है ही नहीं, क्योंकि वह सरकारी खाते के रिकॉर्ड के अनुसार मर चुकी है. When an elderly woman named Basanti Das went to a booth in Siliguri to cast her vote, she came to know that her name was not in the voter list because as per the government account records, she was dead.
19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल 7 चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम 4 जून को सामने आएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 में 102 सीटों की पहले फेज की वोटिंग कल से शुरु हो चुकी है.
लेकिन इसी बीच पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. सिलीगुड़ी के एक बूथ में बसंती दास नाम की एक बुजुर्ग महिला जब वोट डालने गई तो उसे पता चला कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है ही नहीं, क्योंकि वह सरकारी खाते के रिकार्ड के अनुसार मर चुकी है.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला धूपगुड़ी नगरपालिका के वार्ड नंबर 7 का है, यहां के वैराथिगुड़ी हाई स्कूल में बसंती दास का मतदान करने पहुंची, कई घंटों तक लाइन में लगने के बाद जब उसकी बारी आई तो उसे वोट डालने नहीं दिया गया. उस बुजुर्ग महिला के अनुसार मतदाता सूची में उसका नाम नहीं है. वह सरकारी कागज में मर चुकी है, लेकिन वह जिंदा है.
सरकारी कागज में मर चुकी है महिला
मतदान ड्यूटी पर तैनात अधिकारी ने कहा कि मतदाता सूची में नाम नहीं है, इसलिए वह वोट नहीं डाल सकती है. ऐसे में उस बुजुर्ग महिला को वापस भेज दिया गया है. बुजुर्ग महिला के बेटे उज्ज्वल दास का कहना है कि मां अकेले वोट देने गई थी, लेकिन पोलिंग बूथ पर कहा गया कि तुम्हारा नाम नहीं है, तुम मर गई हो, नाम की जगह मृत लिखा हुआ है.