बादलों के पार पहुंचे PM मोदी, लड़ाकू विमान तेजस में भरी उड़ान

PM Narendra Modi flew in indigenous fighter aircraft Tejas in Bengaluru. पीएम नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी.

बादलों के पार पहुंचे PM मोदी, लड़ाकू विमान तेजस में भरी उड़ान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी है. वह शनिवार (25 नवंबर 2023) को बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमटेड (HAL) की फैसिलिटी के दौरे पर गये थे. पीएमओ के मुताबिक वो तेजस जेट की मैन्यूफैक्चिरिंग हब (विनिर्माण) का निरिक्षण करने के लिए आए हुए थे.

मोदी सरकार रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर लगातार जोर देते रहती है. उन्होंने इस बात को अक्सर रेखांकित किया है कि कैसे उनकी सरकार ने भारत में ही रक्षा उपकरणों के विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं. भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं.'

कई देश खरीदना चाहते हैं तेजस

कई देशों ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है और अमेरिकी रक्षा दिग्गज जीई एयरोस्पेस ने प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान एमके-2-तेजस के लिए संयुक्त रूप से इंजन का उत्पादन करने के लिए एचएएल के साथ एक समझौता किया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस साल अप्रैल में कहा था कि वित्त वर्ष 2022-2023 में भारत का रक्षा निर्यात 15,920 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है. उन्होंने कहा था कि यह देश के लिए उल्लेखनीय उपलब्धि है. 

क्या है तेजस की खूबियां?

तेजस एक स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट विमान है जो किसी भी मौसम में उड़ान भर सकता है. ये दो पायलट वाला फाइटर जेट है. इसे LiFT यानी लीड-इन फाइटर ट्रेनर कहते हैं. इसे ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट भी बुलाते हैं यानी जरुरत पड़ने पर इससे हमला भी किया जा सकता है. वायुसेना ने एचएएल से 123 तेजस विमानों का ऑर्डर दे रखा है जिसमें 26 विमान डिलिवर किए जा चुके हैं. ये सभी तेजस मार्क-1 हैं. आने वाले दिनों मे एचएएल इन विमानों के और अपग्रेडेड वर्जन वायुसेना को सौंपेगी जिनकी डिलीवरी 2024 से लेकर 2028 के बीच की जाएगी.