BSP का बड़ा मुस्लिम चेहर, वाराणसी में PM Modi को देगा टक्कर, कौन हैं अतहर जमाल लारी?
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 11 उम्मीदवारों के साथ एक नई लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में एक नाम ऐसा है, जिसने सबको चौंका दिया है. BSP ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से अतहर जमाल लारी को उम्मीदवार बनाया Bahujan Samaj Party (BSP) has released a new list with 11 candidates for the upcoming Lok Sabha elections. There is one name in this list which has surprised everyone. BSP nominated Athar Jamal Lari as candidate from Varanasi seat of Uttar Pradesh.
लोकसभा चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. 19 अप्रैल से 01 जून के बीच कुल सात चरणों में देश की 543 सीटों पर मतदान किए जाएंगे, जिसके परिणाम जून को सामने आएंगे. लोकसभा चुनाव 2024 की पहले फेज की वोटिंग में अब 1 दिन बाकी है. 19 अप्रैल को देशभर में 102 सीटों पर वोटिंग होगी.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए 11 उम्मीदवारों के साथ एक नई लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में एक नाम ऐसा है, जिसने सबको चौंका दिया है. BSP ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से अतहर जमाल लारी को उम्मीदवार बनाया है. साल 2014 और 2019 में PM Modi भारी मतों से वाराणसी की सीट जीतकर संसद पहुंचे हैं. लेकिन क्या आप जानते है आखिर कौन हैं अतहर जमाल लारी, जिन्हें पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारा और क्यों?
कौन हैं अतहर जमाल लारी?
66 साल के लारी सन् 1980 से ही राजनीति में सक्रिय हैं. वह जनता दल, अपना दल और कौमी एकता दल जैसी कई पार्टियों का हिस्सा रहे हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह बहुत कम समय के लिए समाजवादी पार्टी के साथ भी जुड़े थे. लेकिन कुल मिलाकर पिछले सभी चुनावों में उनका डेब्यू असफल ही साबित हुआ है. वाराणसी लोकसभा सीट से यह उनका पहला प्रयास नहीं है, उन्होंने सन् 1984 में पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर यूपी की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस समय वह कांग्रेस पार्टी के श्यामलाल यादव से मुकाबला हार गए थे. लारी को उन चुनावों में 50329 वोट मिले थे.
चुनावों में रहे असफल
इसके बाद लारी ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में फिर से अपनी किस्मत आजमाई. इस बार सोनेलाल पटेल की अपना दल से वह उम्मीदवार थे. कांग्रेस पार्टी के राजेश कुमार मिश्रा ने सीट जीती. लारी इस बार 93228 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. सन् 1991 और 1993 में जनता दल के टिकट पर वाराणसी कैंट सीट से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा था. साल 2012 में उन्होंने मुख्तार अंसारी की कौमी एकता दल के उम्मीदवार के रूप में वाराणसी दक्षिण सीट से भी विधानसभा चुनाव लड़ा. लारी इन सभी चुनावों में असफल ही साबित हुए.
लारी को चुनावी मैदान में उतारने का मकसद?
साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लारी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. लारी ने उम्मीदवारी हासिल करने के बाद वाराणसी में मीडिया से कहा, 'लड़ाई बसपा और बीजेपी के बीच होगी. अजय राय तीसरे नंबर पर होंगे.' उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से भी उन्हें समर्थन देने का अनुरोध किया है.
BSP ने मुस्लिम समुदाय से समर्थन की उम्मीद में वाराणसी से लारी को मैदान में उतारा है, क्योंकि इस सीट पर इस समुदाय के तीन लाख से ज्यादा मतदाता हैं. दरअसल, साल 2009 में भी मायावती ने इसी उम्मीद के साथ मुख्तार अंसारी को बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ मैदान में उतारा था. उस चुनाव में जोशी सीट जीत गए थे. जबकि अंसारी 1.85 लाख वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे.