कौन है अब्दुल करीम टुंडा, जिन्हें 1993 सीरियल बम ब्लास्ट मामले में किया गया बरी

अजमेर की टाडा कोर्ट ने 1993 सीरियल ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया, वहीं दूसरी तरफ इस हमले के अन्य आरोपी हमीमुद्दीन और इरफान उर्फ पप्पू को उम्र कैद की सजा सुनाई है. Ajmer's TADA court acquitted Abdul Karim Tunda, the main accused in the 1993 serial blasts case, while on the other hand, the other accused in this attack, Hamimuddin and Irfan alias Pappu, have been sentenced to life imprisonment.

कौन है अब्दुल करीम टुंडा, जिन्हें 1993 सीरियल बम ब्लास्ट मामले में किया गया बरी

राजस्थान के अजमेर जिले की टाडा अदालत ने गुरुवार को 1993 सिलसिलेवार बम धमाकों के आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है. वहीं, उसके साथ आरोपी हमीमुद्दीन और इरफान उर्फ पप्पू को उम्र कैद की सजा सुनाई है. टुंडा के वकील शफिकतुल्ला सुल्तानी ने कहा कि अदालत ने अब्दुल करीम टुंडा को सभी आरोपों से बाइजत बरी कर दिया है. सीबीआई अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ कोई भी मजबूत सबूत पेश करने में विफल रही. 

वकील का कहना है कि अब्दुल करीम टुंडा निर्दोष है. उसे सभी धाराओं और सभी अधिनियमों में बरी कर दिया गया है. सीबीआई अभियोजन पक्ष टाडा, आईपीसी, रेलवे अधिनियम, शस्त्र अधिनियम (Arms Act) या विस्फोटक पदार्थ अधिनियम (Explosive Substances Act) में अदालत के समक्ष कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सका. वहीं दूसरी तरफ इरफान और हमीदुद्दीन को दोषी ठहरा कर उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.   

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क्या था मामला?

अजमेर की टाटा कोर्ड ने 30 सितंबर 2021 को अब्दुल करीम उर्फ टुंडा, इरफान और हमीमुद्दीन के खिलाफ लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई में 1993 में ट्रेनों में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में आरोपी बनाया था. उन पर टाडा, विस्फोटक अधिनियम, पीडीपी एक्ट और रेलवे एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे.     

5 और 6 दिसंबर 1993 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी पर छह राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में सिलसिलेवार विस्फोट हुए थे, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी. अब्दुल करीम टुंडा पहले गाजियाबाद जिले में बंद था, लेकिन इसके बाद उसे 24 सितंबर 2021 को अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया. टाडा अधिनियम के तहत पकडे़ गए आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए देशभर में केवल मुंबई, अजमेर और श्रीनगर में विशेष अदालतें हैं.   

कौन है अब्दुल करीम टुंडा?

अब्दुल करीम टुंडा यूपी के हापुड़ जिले के पिलखुवा कस्बे का रहने वाला है. वह 1993 में हुए बम धमाकों के समय लश्कर-ए-तैयबा का विस्फोटक एक्सपर्ट था. उसने मुंबई के जलीस अंसारी, नांदेड़ के आजम गौरी के साथ मिलकर तंजीम इस्लाम उर्फ मुस्लिम संगठन बनाकर बाबरी विध्वंस का बदला लेने के लिए 1993 में पांच प्रमुख शहरों में ट्रेन विस्फोट किए थे. टुंडा 1996 में दिल्ली में पुलिस हेड क्वार्टर के सामने हुए विस्फोट मामले में भी आरोप है, उसके बाद उनके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.