टूट गया अमेरिका का सब्र, लाल सागर में सबसे बड़ी जंग शुरू !
American and British forces attacked the positions of Houthi rebels. अमेरिकी और ब्रिटिश सेना ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर किया हमला.
इजरायल-हमास की जंग को आपने देखा और सुना. अब दुनिया एक और तगड़ी जंग देखने वाली है. अमेरिका वॉर मोड में आ गया है...अब ईरान समर्थित हूती विद्रिहियों का अंत नजदीक आ गया है. अमेरिका और ब्रिटेन की आर्मी ने यमन में हूतियों के शासन वाले इलाकों में हवाई हमले किए हैं. जिसमें हूतियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया.
दरअसल, इजरायल और हमास के बीच यमन के हूती विद्रोहियों कई देशों को परेशान कर रखा है. हूतियों की तरफ से लगातार मिसाईल हमले हो रहे हैं....कई देशों के जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है. यहां कर कि, लाल सागर में जहाजों पर हो रहे इन हमलों से भारत को भी काफी नुकसान हुआ था...ऐसे में आखिरकार अमेरिका का सब्र टूट गया. अमेरिका और ब्रिटेन की सेना ने हुतियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है.
इन हमलों के लिए सेना ने 16 लोकेशन्स पर 60 ठिकानों को निशाना बनाया...2016 के बाद ये यमन में हूतियों के खिलाफ किया गया अमेरिका का पहला अटैक है. यमन में किए जा रहे हमलों में अमेरिका और ब्रिटेन की सेना के साथ ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड भी हैं. हमले यमन की राजधानी सना, सदा और धमार शहरों के साथ-साथ होदेइदाह प्रांत में हुए हैं. यमन में ये अटैक विमानों, जहाज़ों और एक पनडुब्बी के जरिए किए गए हैं. इससे 2014 से गृहयुद्ध में फंसा यमन एक बार फिर जंग की चपेट में आ गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हमलों के आदेश दिए थे. इसके बाद हूतियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. बाइडेन ने कहा था कि, 'यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ ये एक्शन हाल के दिनों में लाल सागर में जहाजों पर हुए हमलों का बदला है. हूतियों के हमलों के चलते लाल सागर से गुजरने वाले 2 हजार जहाजों को अपना रास्ता बदलना पड़ा. अपने लोगों और शिपिंग रूट को बचाने के लिए मैं और कड़े आदेश देने से पीछे नहीं हटूंगा.'
हालांकि, हूतियों ने अमेरिकी अटैक के बाद भी साफ-साफ कह दिया है कि, वो लाल सागर में अपने हमले जारी रखेंगे. साथ ही हमलावरों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.
ऐसे में अब अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों से इजराइल-हमास जंग पूरे मिडिल ईस्ट में फैलने का खतरा बढ़ गया है. सऊदी के विदेश मंत्रालय ने अपील की है कि, कोई भी ऐसी कार्रवाई न की जाए जिससे मामला और आगे बढ़े. वहीं, रूस ने अमेरिका-ब्रिटेन के हमले को गैर कानूनी बताया है. रूस ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सिक्योरिटी काउंसिल UNSC में इमेरजेंसी सेशन बुलाने की मांग की है.
बता दें कि, साल 2014 में यमन में गृह युद्ध की शुरुआत हुई. इसकी जड़ शिया और सुन्नी विवाद में है. यमन की कुल आबादी में 35% की हिस्सेदारी शिया समुदाय की है, जबकि 65% सुन्नी समुदाय के लोग रहते हैं. दोनों समुदायों में हमेशा से विवाद रहा था. जो, 2011 में अरब क्रांति की शुरूआत हुई तो गृह युद्ध में बदल गया. 2014 आते-आते शिया विद्रोहियों ने सुन्नी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उसी समय सेना दो फाड़ हो गई और अलगाववादी हूती दक्षिण में लामबंद हो गए. अब ये हूती विद्रोगी लाल सागर में आतंक मचा रहे हैं.