ज्ञानवापी मामले के फैसले के बाद आज परिसर में उमड़ी लोगों की भीड़
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के आसपास बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी. A large crowd of people gathered around the Gyanvapi Mosque complex.
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में कल एक बड़ा फैसला सामने आया है. जिला जज ने व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति दे दी. साल 1993 में तत्कालीन राज्य सरकार के निर्देश पर यहां पूजा करने पर रोक लगा दी गई थी, वहीं इसके लिए 7 दिन में व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश के बाद आज सुबह से ही ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के आसपास बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं. लोगों की भीड़ को कंट्रोल रखने के लिए यहां भारी तादाद में पुलिस कर्मचारियों को तैनात कर बैरिकेडिंग कर दी गई है.
परिसर में तैयारियां भी की गई है
एडवोकेट सोहन लाल आर्य ने कहा, परिसर में फिलहाल सभी तैयारियां की जा चुकी है, लेकिन अभी लोगों के लिए व्यास का तहखाना नहीं खोला गया है, लेकिन ज्ञानवापी में पूजा करने की अनुमति मिलना हमारे लिए गर्व की बात है. आज सुबह करीब 3 बजे से ही लोग ज्ञानवापी मस्जिद परिसर पहुंचने लगे, और लोग ‘हर-हर महादेव’ के नारे भी लगा रहे हैं. फिलहाल स्थानीय प्रशासन और पुलिस तहखाना खोलने में जल्दबाजी नहीं करना चाहते है. इस खास मौके पर वाराणसी जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे .
#WATCH | On the Gyanvapi case, Vishnu Shankar Jain, lawyer of the Hindu side says," In compliance of the order of Varanasi court, the State govt and district administration has made amendments to the barricading and daily puja has started in 'Vyas parivar Tehkhana'." pic.twitter.com/HMbWcBOGfl
— ANI (@ANI) February 1, 2024
7 दिनों में होंगी सभी तैयारियां
ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, वाराणसी कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने बैरिकेडिंग में बदलाव किया है. बता दे बीते दिन वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में जिला अदालत ने बड़ा फैसला दिया है. अदालत ने व्यास के तहखाने में पूजा करने की अनुमति दे दी है. साल 1993 से यहां पूजा करने पर रोक लगा दी गई थी लेकिन अब अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि तहखाना समेत परिसर में सात दिन के भीतर पूजा के सभी इंतजाम पूरे हो जाने चाहिए. अदालत में हिंदू पक्ष ने याचिका दायर कर तहखाने में पूजा की अनुमति मांगी गई थी.