जानें, कब लागू होगा महिला आरक्षण बिल? वित्त मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट
Finance Minister Nirmala Sitharaman has given a big update on the Women's Reservation Bill. महिला आरक्षण बिल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी अपडेट दी है.
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मुद्दा गर्म हो रहा है. इसको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी बात कही है. शुक्रवार (15 दिसंबर) को उन्होंने कहा कि केंद्र 2024 की जनगणना के बाद महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने के लिए कदम उठाएगा. दक्षिण कन्नड़ जिले के मूडबिद्री में रानी अब्बक्का के नाम पर एक स्मारक डाक टिकट जारी करने के बाद सीतारमण ने ये बात कही. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना भी की.
'प्रधानमंत्री राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर करते हैं विश्वास'
सीतारमण ने कहा कि महिला विधेयक एक वास्तविकता बन गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका में विश्वास करते हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पुर्तगालियों के खिलाफ लड़ने वाली 16वीं सदी की उल्लाल की रानी रानी अब्बक्का के साहस और वीरता की सराहना भी केंद्रीय मंत्री ने की. सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई अज्ञात सेनानियों के योगदान का दस्तावेजीकरण करने के लिए कदम उठाए हैं, जिन्होंने शाही ताकतों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.
वीरता की 14 हजार 500 कहानियों का डिजिटाइजेशन
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में, सरकार ने वीरता की 14 हजार 500 कहानियों का एक साथ डिजिटल भंडार तैयार किया है. इसमें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े स्थानों पर प्रकाश डाला गया है.
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका, संविधान सभा में महिलाओं और स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी नेताओं पर तीन किताबें लाने के लिए अमर चित्र कथा के साथ भी समझौता किया है.
रानी अब्बक्का के नाम पर खुलेगा सैनिक स्कूल
वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि तटीय कर्नाटक में रानी अब्बक्का के नाम पर एक सैनिक स्कूल खोला जाएगा. उन्होंने स्मारक डाक टिकट के लिए इस्तेमाल किए गए रानी अब्बक्का के चित्र के लिए कलाकार वासुदेव कामथ को भी बधाई दी.
संसद के दोनों सदनों में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर हस्ताक्षर कर दिया है. इसके बाद अब यह कानून बन गया है. इसके प्रावधानों के मुताबिक 2024 के सेंसस के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा. इसके बाद राज्यों की विधानसभाओं और लोकसभा में 33 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा.