भारत-मालदीव विवाद पर क्या कहा FWICE ने, फिल्म मेकर्स ने की ये अपील...

FWICE ने भारतीय फिल्म निर्माताओं ने मालदीव को बॉयकॉट करने की अपील कर वहां शूटिंग करने से साफ मना कर दिया है. FWICE has appealed to Indian filmmakers to boycott Maldives and have flatly refused to shoot there.

भारत-मालदीव विवाद पर क्या कहा FWICE ने, फिल्म मेकर्स ने की ये अपील...

भारत और मालदीव (Maldives) विवाद को लेकर पूरे भारत में पूरे भारत में  चर्चा हो रही है. नेता हो या अभिनेता इस विवाद पर सब अपने विचार साझा कर रह है और कई लोग कर चुके हैं. इस बीच अब FWICE यानि Federation of Western India Cine Employees ने भी मालदीव्स को बॉयकॉट करने की अपील की है जिसके साथ कहा है कि वहां पर किसी भी फिल्म की शूटिंग ना की जाए. 

FWICE ने 10 जनवरी को एक प्रेस रिलीज कर कहा कि विश्वस्तर पर सम्मानित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर मालदीव के नेताओं ने जो भद्दी टिप्पणी की है, वो बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा. इसलिए FWICE ने मालदीव का बॉयकॉट करने का फैसला कर रहा है और साथ ही  फिल्म निर्माताओं से अपील की कि वहां किसी भी फिल्म की शूटिंग ना करें. मालदीव के बजाय आप भारत को ही चुने और फिल्मों की शूटिंग करें. 

FWICE ने प्रेस रिलीज में क्या कहा?

FWICE द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज में कहा गया कि भारत और मालदीव के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स, टेक्नीशियन और आर्टिस्ट्स का सबसे पुराना और सबसे बड़ा निकाय FWICE विश्वस्तर पर सम्मानित पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान नहीं सहेगा. 

उन्होंने कहा कि मालदीव के मंत्रियों के गैर-जिम्मेदाराना और गलत टिप्पणी की हम कड़ी निंदा करते हैं और हमने अपने देश के हित और एकजुटता दिखाते हुए मालदीव को बॉयकॉट करने का फैसला किया है और साथ ही FWICE अपने सभी लोगों से अपील करता है कि भारत के पर्यटन के विकास में योगदान करें और मालदीव्स का बहिष्कार कर भारत में ही ऐसे किसी जगह पर फिल्मों की शूटिंग करें. 

क्या है भारत-मालदीव विवाद?

दरअसल, हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप दौरे पर रहे जिसकी कुछ फोटोज शेयर की और वहां के टूरिजम को प्रमोट किया. इसके बाद से ही लक्षद्वीप ट्रेंड करने लगा और सवाल उठा कि जब अपनी ही देश में इतनी खूबसूरत जगह है, तो फिर हम कहीं और क्यों जाएं? ये बात मालदीव के मंत्रियों को रास नहीं आई और उन्होंने इसके विरोध में टिप्पणी कर दी जिसके बाद से ही ये विवाद आग की तरह बढ़ता चला जा रहा है/