हल्द्वानी में भड़की हिंसा, देखते ही गोली मारने के आदेश - CM Pushkar Singh Dhami

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में गुरुवार दोपहर से हिंसा और आगजनी हो रही है. Violence and arson are taking place in Haldwani city of Nainital district of Uttarakhand since Thursday afternoon.

हल्द्वानी में भड़की हिंसा, देखते ही गोली मारने के आदेश - CM Pushkar Singh Dhami

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर में गुरुवार दोपहर से हिंसा और आगजनी हो रही है. अवैध मदरसा और मस्जिद गिराए जाने से लोग भड़क गए, नगर निगम की टीम पर हमला किया गया जिसके बचाव में टीम पुलिस थाने गई तो हमलावरों ने थाने को ही घेर लिया.  

मंजर इतना खौफनाक 

पुलिस की गाड़ियां और ट्रांसफार्मर जला दिए गए. किसी तरह घर में घुसकर जान बचाई गई, गाड़ियां जलाई गई, जिसने हमें घर में पनाह दी, उसे भी नहीं बख्शा गया, लोगों के सिर पर खून सवार था, सड़कों पर पत्थर बिखरे थे, पुलिस वाले घायल, खून की नदिया बह रही थी, लोग जान बचाने के लिए चिल्ला रहे थे. 

मंजर इतना खौफनाक कि लोग भी डर के मारे घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. यह भयावह तस्वीर शब्दों में बयां की, उस महिला पुलिस कर्मी ने जो खून से लथपथ हालत में अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर भी कहने लगे कि रक्षकों के ही भक्षक बनने लगे हैं लोग, यह कलयुग नहीं तो क्या है?

लिया गया एक्शन

हालात देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने इलाके में धारा 144 और कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए, साथ ही उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने को भी का दिया. इस पूरी घटना को लेकर नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि पुलिस या प्रशासन ने किसी को नहीं भड़काया और न ही किसी को नुकसान पहुंचाया. डीएम ने कहा कि हाईकोर्ट की ओर से आदेश मिलने के बाद हल्द्वानी में विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। सभी को नोटिस दिया गया और डिमॉलिशन अभियान चलाया गयाय यह एक्शन किसी विशिष्ट संपत्ति को निशाना बनाते हुए नहीं किया गया था. 

मदरसा है या सिर्फ ढांचा

जिस मदरसे को ढहाने पर विवाद खड़ा हुआ उसे लेकर डीएम सिंह ने कहा कि यह एक खाली प्रॉपर्टी थी जिसके दो स्ट्रक्चर थे, ये न तो धार्मिक ढांचे के तौर पर रजिस्टर हैं और न ही इनके पास ऐसी कोई मान्यता है, लेकिन कुछ लोग इस ढांचे को आज भी मदरसा कहते हैं. हमने अतिक्रमण विरोधी अभियान जारी रखने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि संपत्तियों पर कोई स्टे नहीं था, यहां अतिक्रमण हटाने के लिए कानूनी रास्ता अपनाया गया था. 

कैसे शुरु हुआ ये हमला

उन्होंने आगे कहा कि हमारी टीम ने किसी को न तो भड़काया और न ही नुकसान पहुंचाया, पुलिस या प्रशासन की ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया जिससे किसी को भी नुकसान हो. जिलाधिकारी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को उचित तरीके से अंजाम दिए जाने के करीब आधे घंटे के अंदर लोगों की भीड़ ने हमारी म्युनिसिपल कोऑपरेशन टीम पर हमला कर दिया था. 

डीएम ने कहा कि भीड़ ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया था और जो लोग अंदर थे उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था। पहले उन्होंने पत्थर फेंके और फिर पेट्रोल बम से हमला किया. पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े वाहनों को आग लगा दी गई. जिलाधिकारी ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस गैस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया था। यह कार्रवाई केवल सुरक्षात्मक उपाय के रूप में की गई थी.