अब चीन-पाकिस्तान की खैर नहीं, भारत आसमान में बिछाएगा 'जाल'

India will launch spy satellite to keep an eye on China and Pakistan. भारत चीन और पाकिस्तान पर नजर रखने के लिए जासूसी सैटेलाइट लॉन्च करेगा.

अब चीन-पाकिस्तान की खैर नहीं, भारत आसमान में बिछाएगा 'जाल'

भारत ने अपने दुश्मनों के लिए एक तगड़ा प्लान बनाया है. जिसे सुनते ही चीन और पाकिस्तान में हड़कंप मच गया. दोनों देशों के घर-घर पर अब भारत की पैनी नजर होगी. भारत आसमान में अपना जासूसी जाल बिछाने जा रहा है. ऐसा जाल जो पाकिस्तान और चीन की हर हरकत पर अंतरिक्ष से नजर रखेगा. एक भी गलत कदम उठाया और भारतीय मिलिट्री उसका मुंहतोड़ जवाब देगी. अब चीन और पाकिस्तान की हिम्मत नहीं होगी कि, वो किसी तरह घुसपैठ करने का प्रयास करें.

दरअसल, भारत के लिए घुसपैठ बड़ी समस्या है. पाकिस्तान अपने गीदड़ों को समय-समय पर भारत में आतंक फैलाने के लिए भेजता रहता है. वहीं, चालबाज चीन भी सीमा विवाद के नाम पर घटिया हरकत करने से बाज नहीं आता. ऐसे में देश की सुरक्षा पर पैनी नजर रखने के लिए भारत अगले पांच साल में खतरनाक प्लान को इंप्लिमेंट करने जा रहा है. जिसकी जानकारी इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने दी है. 

एस. सोमनाथ ने बताया कि, 'भारत 50 जासूसी सैटेलाइट्स लॉन्च करने जा रहा है. इन जासूसी सैटेलाइट्स के जरिए भारत के बार्डर इलाकों में हो रही आतंकी गतिविधियों और खुफिया जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी. ये सैटेलाइट्स अलग-अलग ऊंचाई पर तैनात किए जाएंगे. ताकि अलग-अलग लेवल से जियो-इंटेलिजेंस के डेटा को जमा किया जा सके. इससे सीमाओं पर होने वाली घुसपैठ को रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही अपने सैनिकों की आवाजाही पर नजर रखी जा सकेगी.'

इतना ही नहीं हमारे 50 स्पेसक्राफ्ट लगातार पड़ोसी देशों पर भी नजर रखेंगे, ताकि वो किसी तरह की गलत हरकत न कर सकें. इससे भारत की बतौर स्पेस पावर ताकत बढ़ेगी. पाकिस्तान और चीन जैसे देश किसी भी तरह की हरकत से पहले कई बार सोचेंगे, क्योंकि भारतीय सैटेलाइट्स उनपर नजर रख रहे होंगे. गलत काम पर भारतीय मिलिट्री तत्काल एक्शन ले लेगी. इन सैटेलाइट्स को AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी जोड़ा जाएगा. 

सोमनाथ ने बताया कि, इन सैटेलाइट्स की परत जियोस्टेशनरी इक्वेटोरियल ऑर्बिट (GEO) और लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) में सेट की जाएगी. कई ऑर्बिट में सैटेलाइट्स लगाने से ज्यादा बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकती है. इन सैटेलाइट्स में सिंथेटिक अपर्टर राडार, थर्मल कैमरा, इंफ्रारेड कैमरा और विजिबल कैमरा लगाए जाएंगे, ताकि दुश्मन देश किसी भी तरह से भारत की धरती पर बुरी नजर न डाल सकें. 

सोमनाथ ने कहा कि, इन उपग्रहों की मदद से सिर्फ जासूसी ही नहीं बल्कि देश के विकास का रास्ता खुलेगा. इसरो इन सैटेलाइट्स को इसलिए लॉन्च करेगा, ताकि आसपास हो रहे बदलावों पर नजर रखकर अपनी ताकत को बढ़ा सके.  अगले 5 सालों में 50 उपग्रहों को अंतिम रूप देने के लिए उनका संयोजन कर लिया गया है. अगर भारत इस स्तर पर उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है तो देश के सामने आने वाले खतरों को बेहतर तरीके से कम कर सकते हैं.'