गाजा पर जमीनी हमला क्यों नहीं कर पा रहा इजरायल? जानें कारण

Know why Israel is not able to take ground military action on Gaza after Hamas attack. जानें हमास के हमले के बाद गाजा पर जमीनी सैन्य कार्रवाई क्यों नहीं कर पा रहा है इजरायल.

गाजा पर जमीनी हमला क्यों नहीं कर पा रहा इजरायल? जानें कारण

इजराइल-हमास के बीच छिड़ी जंग को 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक इजराइल गाजा पट्टी में जमीनी हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा सका है. 7 अक्टूबर को हमास की ओर से किए गए हमले के बाद से इजराइली डिफेंस फोर्स यानी IDF गाजा सीमा पर डटी है, लेकिन ग्राउंड ऑपरेशन कब शुरू होगा, ये अभी तक तय नहीं किया जा सका है. 

हमास की ओर से किए गए नरसंहार के बाद उसे खत्म करने की कसम खाने वाले इजराइली नेता अभी तक इस बात पर सहमत नहीं हुए हैं कि ऐसा कैसे किया जाए. वहीं, सेना के अधिकारियों की मानें तो अब तक इजराइल के राजनेता और सैन्य अधिकारी इस जमीनी हमले को लेकर बंटे हुए हैं. इस बात को लेकर कि, हमला कैसे और कब करना है? करना भी है या नहीं? 

यॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजराइल को सबसे बड़ी चिंता यही है कि कहीं गाजा के अंदर इजराइल की सेना कठिन लड़ाई में न फंस जाए. इसके अलावा उसे एक व्यापक संघर्ष का भी डर है, क्योंकि हमास के साथ हिज्बुल्लाह, लेबनानी मिलिशिया भी इजराइल के खिलाफ लगातार मिसाइलें दाग रहे हैं.

इजराइली अधिकारियों के बीच इस बात पर भी बहस चल रही है कि जमीनी आक्रमण बड़े ऑपरेशन से किया जाए या छोटे ऑपरेशन किए जाएं, एक सवाल ये भी है कि यदि इजराइल ने गाजा पर कब्जा किया तो उस पर शासन कौन करेगा. प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की दक्षिणपंथी पार्टी लिकुड के एक वरिष्ठ विधायक डैनी डैनन ने न्यूयॉर्क टाइम्से बातचीत में कहा कि- ‘आपके पास अलग-अलग राय वाली कैबिनेट है, कुछ लोग कहें कि हमें शुरुआत करनी होगी. फिर हम अगले चरण के बारे में सोच सकते हैं, लेकिन पहले हमें लक्ष्य निर्धारित करने होंगे.

इजराइल की कैबिनेट बैठक में मौजूद लोगों के हवाले से न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि सेना ने गाजा पर जमीनी आक्रमण का प्लान बनाया था, लेकिन नेतन्याहू ने इसे मंजूरी नहीं दी. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह इजराइल में 7 अक्टूबर को हमले के बाद गठित युद्ध मंत्रिमंडल के सदस्यों का सर्वसम्मति से अनुमोदन चाहते हैं. विश्लेषकों का मानना है कि नेतन्याहू एकतरफा हरी झंडी देने से सावधान हैं क्योंकि उनके नेतृत्व में जनता का विश्वास पहले से ही कम हो रहा है, ऐसे में उन्हें ऑपरेशन विफल होने पर दोषी ठहराए जाने का डर है. हालांकि नेतन्याहू के कार्यालय की ओर से उनके बुधवार रात दिए गए संबोधन को ही पुष्ट बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस तरह के ऑपरेशन का समय बताए बिना हमास को नष्ट किया जाएगा.