हिंदू विरोधी छवि को सुधारने की कोशिश में बंगाल की सीएम, BJP ने दिया करारा जवाब

साल 2011 में जिस बंगाल में TMC की सरकार बनने के बाद से रामनवमी पर कभी छुट्टी नहीं होती थी, आज उसी बंगाल में इस बार रामनवमी पर अवकाश की घोषणा की गई है, In Bengal, where there was never a holiday on Ram Navami after the formation of the TMC government in 2011, today a holiday has been declared on Ram Navami in the same Bengal.

हिंदू विरोधी छवि को सुधारने की कोशिश में बंगाल की सीएम, BJP ने दिया करारा जवाब

बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और उनके मंत्री अक्सर हिन्दुत्व और भगवान राम का  विरोध करते नज़र आए है. बंगाल में हिन्दुओं के कितने त्यौहारों को मनाने से रोका गया ये सर्वविदित है. अयोध्या में हुए राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के समय भी TMC ने इससे खुद को दर किनारा कर लिया था, लेकिन अब बंगाल की सीएम के सुर बदल गए हैं, क्योंकि अब ममता बैनर्जी रामभक्त बनने की कोशिश कर रही है.  

साल 2011 में जिस बंगाल में TMC की सरकार बनने के बाद से रामनवमी पर कभी छुट्टी नहीं होती थी, आज उसी बंगाल में इस बार रामनवमी पर अवकाश की घोषणा की गई है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ममता बैनर्जी वाकई रामभक्त बन रही हैं या इसके पीछे उनका कोई सियासी पैंतरा है ? 

हिंदू विरोधी छवि को सुधारने की कोशिश 

रामभक्त तो नहीं लेकिन इसके पीछे सियासी पैंतरा जरूर नजर आता है, वो इसलिए क्योंकि कुछ ही समय में 2024 का लोकसभा चुनाव हैं जो अपने आप में अलग होने वाला है क्योंकि इस चुनाव से पहले अच्छे-अच्छे भी रामभक्त बन गए हैं. ममता के इस छुट्टी वाले दांव पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने निशाना साधते हुए कहा कि 

ममता बनर्जी, जो हर बार 'जय श्री राम' सुनते ही गुस्से से नीली हो जाती थीं, उन्होंने पश्चिम बंगाल में राम नवमी की (17 अप्रैल) सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है. ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि को सुधारने के लिए किया है, हालाँकि अब बहुत देर हो चुकी है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो। क्या वह? जय श्री राम।

रैली में की घोषणा 

TMC की ओर से ये घोषणा ऐसे समय में की गई है जब TMC कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में रैली कर रही थी, इसी रैली के साथ TMC लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार की शुरुआत भी करेगी, वहीं इस रैली का नाम है 'जन गर्जन सभा.' माना जा रहा है कि रामनवमी पर छुट्टी जैसे मुद्दों का इस्तेमाल ममता चुनावी मंचों पर एजेंडा स्थापित करने के रूप में कर सकती है.