Article 370 के बाद, अब आया Article 371 जानें क्यों अपना रही मोदी सरकार ?
हमारे देश में संविधान के कुल 22 भाग हैं 21 वें भाग में आर्टिकल 371 की व्याख्या की गई है. इसी से जुड़े कुछ प्रावधानों के जरिए भारत के कुछ राज्यों को स्पेशल स्टेट्स का दर्जा मिला हुआ है. यानी कि आर्टिकल 371 विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है, There are a total of 22 parts of the Constitution in our country. Article 371 is explained in the 21st part. Through some provisions related to this, some states of India have got the status of special states. That is, Article 371 provides special status,
साल 2019 में मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. इस फैसले पर पूरी दुनिया की नजर थी क्योंकि इस मुद्दे पर न सिर्फ भारत बल्कि कश्मीर में भी खासी गहमा-गहमी थी. इसके बाद सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में बांट दिया था - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख. 370 हटने के बाद कश्मीर से कई तरह की तस्वीरें सामने आई है जहां मोदी सरकार जहां इसका पुरजोर समर्थन करती दिखी.
वहीं कांग्रेस इसका विरोध अबतक करती दिखती है, लेकिन आर्टिकल 370 हटने के बाद अब लद्दाख में एक नई मांग उठ रही है मांग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की. 3 फरवरी से लोग इस मांग के लिए में प्रदर्शन कर रहे हैं, 24 फरवरी को केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच चौथी बैठक हुई जो बेनतीजा रही. सरकार ने लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को खारिज कर दिया लेकिन कहा जा रहा है कि मोदी सरकार अनुच्छेद 371 को लागू कर सकती है, क्योंकि सरकार ने ही इसे लागू करने का प्रस्ताव रखा है.
क्या है आर्टिकल 371?
हमारे देश में संविधान के कुल 22 भाग हैं 21 वें भाग में आर्टिकल 371 की व्याख्या की गई है. इसी से जुड़े कुछ प्रावधानों के जरिए भारत के कुछ राज्यों को स्पेशल स्टेट्स का दर्जा मिला हुआ है. यानी कि आर्टिकल 371 विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है, जो अक्सर कुछ धार्मिक और सामाजिक समूहों को प्रतिनिधित्व देने के लिए और इन समूहों को राज्य और केंद्र सरकारों के हस्तक्षेप के बिना अपने मामलों पर स्वायत्तता का प्रयोग करने की अनुमति देता है.
लागू होने पर क्या होंगे बदलाव?
अगर सरकार लद्दाख में आर्टिकल 371 को लागू करती है तो लद्दाख में सरकारी नौकरियों, धार्मिक हितों और साथ ही सार्वजनिक हितों की रक्षा होगी. बताया जा रहा है कि राज्य में सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 80 फीसदी तक आरक्षण दिया जा सकता है. साथ ही केंद्र सरकार लद्दाख के विकास के लिए अलग से बजट लाएगी और कुछ विशेष मांगों को लेकर भी बजट पेश किया जा सकता है. इसके जरिए केंद्र सरकार लद्दाख की संस्कृति, भाषा और भूमि के साथ ही स्थानीय परंपराओं को भी संरक्षण प्रदान कर सकेगी. माना जा रहा है कि सरकार लोकसभा चुनावों से ठीक पहले लद्दाख में आर्टिकल 371 लागू करने के संबंध में बड़ा फैसला ले सकती है, अगर ऐसा होता है तो ये मोदी सरकार के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है.