छत्तीसगढ़ में कौन बनेगा CM? रमन सिंह का बड़ा खुलासा
BJP leader Raman Singh has made a big revelation regarding the CM of Chhattisgarh. छत्तीसगढ़ के सीएम को लेकर बीजेपी नेता रमन सिंह ने बड़ा खुलासा किया है.
छत्तीसगढ़ में तीन दिसंबर को चुनावी नतीजे आ गए. भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में वापसी की है. प्रदेश में बीजेपी को 55 सीटें तो कांग्रेस को 35 सीटों पर जीत हासिल हुई है. इसके साथ प्रदेश की जनता ने राज्य का भविष्य अगले पांच सालों के लिए बीजेपी को सौंप दिया है. प्रदेश के बीजेपी नेता खुश हैं. वहीं नतीजों के बाद ये सवाल भी पूछा जाने लगा है कि प्रदेश में बीजेपी सीएम किसे बनाएगी. इस पर रमन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सीएम कौन बनेगा इसका फैसला पार्टी करेगी.
रमन सिंह ने कहा कि, 'जो भ्रष्टचार कांग्रेस राज में हुआ है, उसकी जांच की जाएगी. दो तीन दिन में विधायक दल का नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. पार्टी जो भी जिम्मेदारी मुझे देगी वो पूरी करूंगा. जो पार्टी की प्रक्रिया है विधायक दल का नेता चुनने की वो दो तीन दिन में पूरी हो जाएगी और ज्यादा समय सरकार बनाने में नहीं लगेगा. कांग्रेस के वक्त जो भी भ्रष्टाचार हुआ है, उसकी जांच सरकार बनने के बाद की जाएगी. कांग्रेस के कुशासन का अंत हुआ है. किसानों को पहले भी बीजेपी ने प्राथमिकता दी और देते रहेंगे. डबल इंजन सरकार आने के बाद राज्य के विकास के कामों में तेजी आएगी.'
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा. लेकिन, वो अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के लिए आरक्षित सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही. कांग्रेस ने एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित दस सीटों में से छह पर जीत हासिल की है, जो 2018 में मिली जीत से एक कम है. राज्य में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 10 एससी सीटों में से सात सीटें हासिल की थीं, जबकि बीजेपी दो और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक सीट मिली थी.
इस बार कांग्रेस ने छह एससी सीटें सारंगढ़, मस्तूरी, पामगढ़, सरायपाली, बिलाईगढ़ और डोंगरगढ़ जीती है. इन छह सीटों में से मस्तूरी और पामगढ़ ऐसी सीट है जो 2018 में बीजेपी और बसपा के पास थी. सारंगढ़ में कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े को मैदान में उतारा था, जिन्होंने बीजेपी की शिवकुमारी चौहान को 29,695 वोट के अंतर से हराया. कांग्रेस ने सरायपाली, बिलाईगढ़ और डोंगरगढ़ क्षेत्रों में अपने मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार कर दिया था और नए महिला चेहरों चतुरी नंद, कविता प्राण लहरे और हर्षिता स्वामी बघेल को मैदान में उतारा था जो जीतने में सफल रहीं.