नेता होने के साथ भ्रष्टाचार का आरोप लगा, जेल भी गए , Lalu Prasad Yadav
एक नेता होने के साथ लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप लगाए गए हैं और सुनाई गई थी जेल की सजा Apart from being a leader, Lalu Prasad Yadav has also been accused of corruption and was sentenced to jail.
बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का नाम सबसे पहले आता है, लेकिन एक नेता होने के साथ उनपर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप लगाए गए हैं. कुछ दिन पहले ही ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में उनसे पूछताछ की. बिहार के मुख्यमंत्री और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव लंबे समय से करप्शन के मामलों का सामना कर रहे हैं, जिसके साथ उन्हें सजा भी हुई है, लेकिन सबसे बड़ा मामला चारा घोटाले का है, जो लंबे समय तक सुर्खियों में रहा। भ्रष्टाचार के दाग लालू की राजनीति में कभी कभी रोड़ा भी बनते हैं.
चारा घोटाले का मामला साल 1996 का है, आरएसएस और बीजेपी के घोर विरोधी लालू की पार्टी अब राज्य की सत्ता में भी नहीं है. लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा रोकने समेत अपने कई फैसलों की वजह से जाने जानेवाले लालू जांच एजेंसियों के निशाने पर लंबे समय से हैं जिस पर सीबीआई और ईडी उनसे कई बार पूछताछ भी कर चुकी है.
#WATCH | On RJD President Lalu Prasad Yadav appearing before the ED, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, "... He has to be answerable for what he has done... He does not have answers to the questions that ED will possibly ask. He took land in return for jobs, from people of his own… pic.twitter.com/l9Bnm29tjr
— ANI (@ANI) January 29, 2024
सुनाई गई थी जेल की सजा
लालू यादव को चारा घोटाला मामले में दोषी पाया गया था और 5 साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन वे 3 साल 6 महीने जेल में रहे और अब जमानत पर बाहर हैं और उनपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. बावजूद इसके राज्य में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है. मुसलमानों और यादवों का एक बड़ा हिस्सा उन्हें नोट देता रहा है. साल 2005 के बाद से उनकी पार्टी राज्य में अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है. चारा घोटाले ने लालू को भ्रष्चाचार का पर्याय बना दिया है.
#WATCH | Bihar: RJD President Lalu Prasad Yadav arrives at the ED office in Patna. A large number of RJD workers are present here and are protesting against the central govt.
— ANI (@ANI) January 29, 2024
He is appearing before the ED in connection with the Land for job scam case. pic.twitter.com/4RVa90o8pV
क्या है चारा घोटाला मामला?
चारा घोटाला बिहार राज्य का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है, 1996 में मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की. जब यह घोटाला हुआ था तब बिहार और झारखंड एक ही राज्य हुआ करते थे, पशुपालन विभाग में करोड़ो रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया. 1997 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की। मामले में जब लालू प्रसाद यादव का नाम सामने आया तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
वहीं 27 जनवरी, 1996 को सिंहभूम जिले (अब झारखंड में) के जिला मजिस्ट्रेट ने चाईबासा शहर में पशुपालन विभाग में छापा मारा। इसमें जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्स से गबन की बात पता चली. 17 जून 1997 को तत्कालीन राज्यपाल एआर किदवई से लालू पर मुकदमा चलाने की परमिशन मिल गई।. वहीं 23 जून 1997 को, सीबीआई ने लालू समेत 55 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. अब जमीन के बदले नौकरी मामले के दायरे में लालू यादव का पूरा परिवार आ गया है.